क्राइम
पुणे में 300 करोड़ रुपये की Bitcoin के लिए एक शख्स का अपहरण, आठ लोग गिरफ्तार, पुलिस कांस्टेबल निकला मास्टकमाइंड

क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) की डिमांड अब इस कदर बढ़ चुकी है कि अब उसके लिए लोगों की किडनैपिंग (kidnapping) होने लगी है। पुणे से सटे पिंपरी चिंचवाड़ (Pimpri-Chinchwad) में एक शख्स को किडनैप करने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें एक पुलिस कांस्टेबल (Police Constable) शामिल है और उपसर साजिश रचने का आरोप है। पुलिस के अनुसार कांस्टेबल साइबर जांच (Cyber Investigation) और मोबाइल फोरेंसिक (Mobile Forensic) की एडवांसड ट्रेनिंग (Advanced Training) हासिल है। कांस्टेबल ने पुणे में साइबर अपराध प्रकोष्ठ (Pune Cyber crime cell) में अपनी पोस्टिंग के दौरान व्यापारी के पास बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) होने की जानकारी हासिल की और उसने उसका अपहरण करने का फैसला किया।
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पिंपरी चिंचवड़ पुलिस के तहत वाकाड पुलिस थाने के अधिकारियों ने पिछले दो सप्ताह से चली आ रही जांच के दौरान मुंबई से छह और पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस मुख्यालय में तैनात कांस्टेबल दिलीप खंडारे सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल 14 नवंबर को एक व्यक्ति ने वाकाड पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके 40 वर्षीय दोस्त, जो शेयर बाजार के एक व्यापारी है का तथावड़े इलाके के एक होटल अपहरण कर लिया गया ह । मामले की जांच के लिए दो अलग-अलग टीमों का गठन किया गया था।
टीमों में से एक ने क्षेत्र में सुरक्षा कैमरों के फुटेज सहित इलेक्ट्रॉनिक सुरागों के विश्लेषण से महत्वपूर्ण सुराग प्राप्त किए। हालांकि, अपहरणकर्ताओं ने व्यापारी को 15 नवंबर को वाकाड इलाके में छोड़ दिया। व्यापारी ने बाद में पुलिस को बताया कि उसे बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी के रूप में फिरौती के लिए अपहरण किया गया था और आठ लाख रुपये नकद की मांग की गई थी।
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व्यापारी द्वारा दिए गए अतिरिक्त सुराग की मदद से पुलिस ने शुरू में मुंबई से सुनील शिंदे, वसंत चव्हाण, फ्रांसिस डिसूजा और मयूर शिर्के के रूप में पहचाने गए चार लोगों को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ में पता चला कि उन्होंने पुणे के दो व्यक्तियों प्रदीप कटे और दिलीप खंडारे के इशारे पर उन्होंने वारदात को अंजाम दिया । जांच में मुंबई के दो और लोगों के शामिल होने का खुलासा हुआ।
पुलिस उपायुक्त आनंद भोइटे ने कहा, “शुरुआती गिरफ्तारी के बाद जांच दल ने हिंजवडी इलाके के एक होटल से प्रदीप कटे, संजय बंसल और शिरीष खोत के रूप में पहचाने गए तीन और लोगों को गिरफ्तार किया। हमारी जांच में आगे पता चला कि खंडारे मास्टरमाइंड था। खंडारे वर्तमान में पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस मुख्यालय में तैनात है, लेकिन कुछ समय से ड्यूटी पर नहीं आ रहा था। अतीत में उसपर अशोभनीय आचरण का आरोप थास लेकिन बाद में निलंबन रद्द कर दिया गया था।”
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डीसीपी भोइटे ने कहा, “हमने खंडारे को पकड़ने के लिए एक अलग टीम बनाई और जांच के दौरान उसे भोसरी इलाके से गिरफ्तार किया गया। खंडारे ने एडवांस साइबर अपराध (Advance Cyber Crime) का पता लगाने, नेटवर्किंग (Network) और मोबाइल फोरेंसिक (Mobile Forensic) के लिए नौकरी पर रहते हुए प्रशिक्षण प्राप्त किया। जब वह पुणे में साइबर अपराध प्रकोष्ठ में तैनात था, तो उसने जानकारी एकत्र की थी कि व्यापारी के पास बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी है और इस तरह उसने फिरौती के लिए उसके अपहरण की साजिश रची। 14 नवंबर को अपहरण के बाद फिरौती की मांग खुद अपहरणकर्ता से की गई थी। आठ संदिग्धों ने वडगांव मावल के एक होटल में मुलाकात की और तय किया कि योजना को कैसे अंजाम दिया जाए और फिर तथावड़े के एक होटल से व्यापारी का अपहरण कर लिया। वे उसे अलीबाग ले गए। लेकिन खंडारे ने शायद महसूस किया होगा कि हमें उनके बारे में पता चल गया, ऐसे में उसने अपहरणकर्ता को रिहा करने का फैसला किया।”
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