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क्राइम

सरकारी योजनाओं से लेकर फ्रेंचाइजी के लिये कर रहे हैं आवेदन तो जरूर पढ़ लें ये खबर, नहीं तो ठगी के अगले शिकार हो सकते हैं आप

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सरकारी योजनाओं से लेकर फ्रेंचाइजी के लिये कर रहे हैं आवेदन तो जरूर पढ़ लें ये खबर, नहीं तो ठगी के अगले शिकार हो सकते हैं आप

आप ने अक्सर सुना होगा कि हमारी एक छोटी सी लापरवाही या अनदेखी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। इंटरनेट की दुनिया में यह कहावत एक दम सच साबित होती है। जिसका फायदा दूर दराज बैठे साइबर ठग उठा लेते हैं। वह एक क्लिक में आवेदक के खाते में जमा सारी पूंजी को निकाल लेते हैं। ऐसे ही 3 ठगों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। आरोपी फर्जी वेबसाइट बनकर उस पर आवेदन करने वाले को अपना शिकार बना लेते थे। पीड़ित को इसका पता अपना बैंक खाता खाली होने पर लगता था।

आपकी एक चूक का ऐसे उठाते थे फायदा

दरअसल, पुलिस गिरफ्त में आए साइबर ठग लोगों को फंसाने के लिए वेबसाइट डवलपर की मदद से सरकारी योजनाओं, फ्रेंचाइजी और लोन देने वाली एजेंसियों से बिल्कुल मिलती जुलती वेबसाइट तैयार करते थे। इन वेबसाइट को आरोपी एसईओ और दूसरी टेक्निक की मदद से गूगल पर टॉप रेकिंग पर रखते थे। ऐसे में गूगल पर सरकारी योजना हो या फिर फ्रेंचाइजी और लोन के आवेदन में शख्स टॉप पर आने वाली वेबसाइट पर जैसे ही आवेदन करता। वह सारी डिटेल आरोपी साइबर अपराधियों के पास पहुंच जाती।

साइट पर डिटेल आते ही खाली कर देते थे खाता

आरोपी ठग साइट पर आवेदक की डिटेल आते ही उसके खाते से रुपये ट्रांसफर कर लेते थे। पीड़ित को इसका पता बैंक की ओर से मोबाइल पर आए मैसेज से लगता। जब तक वह बैंक और पुलिस के चक्कर लगाता। तब तक ठग अपने नेटवर्क की मदद से ट्रांसफर के द्वारा किये गये रुपये खातों से निकाल लेते थे।

इन योजनाओं और फ्रेंचाइजनी की बनाई थी फर्जी वेबसाइट

पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों ने अब तक विभिन्न सरकारी योजना जैसे किसानों के लिए प्रधानमंत्री योजना, आम जनमानस को लोन, किसानों को सोलर लाइट, सोलर पम्प, बैंकों के ग्राहक सेवा केंद्रों की फर्जी वेबसाइट तैयार की थी।

इसके अलावा ईजीडे, रायल इनफील्ड मोटर साइकिल, जावा मोटर साइकिल, रिवोल्ट मोटर साइकिल, हर्बल लाइफ, मदर डेयरी, सेव बीसी, आक्सीजन सीएसपी, क्विक लोन, बजाजा फाइनेंस नामक बड़ी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट तैयार की थी। लोग हूबहू वेबसाइट देखकर असली और नकली में फर्क न कर पाने की वजह से फर्जी वेबसाइट पर पहुंचे और आवदेन कर दिया। इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने अलग अलग आवेदकों से लाखों रुपये की ठगी की।

शिकायत मिलने पर प्रयागराज साइबर थाना पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी साइबर ठगों की पहचान नालंदा बिहार निवासी विनय कुमार, रतलाम एमपी निवासी अभिषेक शर्मा बतौर वेबसाइट डेवलपर, नवादा बिहार निवासी रत्नेश भारती के रूप में हुई है।

ऑनलाइन आवेदन या खरीदारी करते समय इन बातों रखें ध्यान

– किसी भी कंपनी या सरकारी योजना का फॉर्म भरते समय जल्दबाजी न करें।

– Website का यूआरएल स्पेलिंग अच्छे से जांच करें।

– उक्त साइट डॉट इन पर है या डॉट कॉम या डॉट ओआरजी इसका विशेष ध्यान दें।

– गूगल पर साइट सर्च करने के दौरान टॉप पर आने वाली वेबसाइट के अलावा दूसरी वेबसाइट पर भी जाकर देखें।