क्राइम
सावधान! ITR के नाम पर ठगी कर रहे साइबर अपराधी, लोगों को भेज रहे संदिग्ध मैसेज
Cyber Crime : साइबर अपराधी लोगों का चूना लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। अब वे लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के नाम पर ठगी करने लगे हैं। एक रिपोर्ट में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इसके अनुसार साइबर अपराधी जरूरी निजी जानकारी हासिल करने के लिए भारतीय यूजर्स को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार लोगों के पास संदिग्ध मैसेज आ रहे हैं। उनसे आईटीआर के लिए एप्लिकेशन सब्मिट करने के लिए कहा जा रहा है। लोगों को एक लिंक के जरिए वेबपेज पर रि-डायरेक्ट कर दिया जा रहा है। यह पेज बिल्कुल आयकर ई-फाइलिंग वेब पेज जैसा ही दिखता है। दिल्ली बेस्ड थिंक टैंक साइबरपीस फाउंडेशन के साथ मिलकर साइबर सिक्योरिटी फर्म ऑटोबोट इन्फोसिक ने इसका खुलासा किया है।
साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य बैंकों का नाम इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार संदिग्ध लिंक अमेरिका और फ्रांस में तैयार किए जा रहे हैं। यूजर्स से निजी जानकारी के साथ-साथ बैंकिंग से जुड़ी जानकारी भी इक्ट्ठा की जा रही है। इनके झांसे में कोई फंस जाता है तो उसको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। मैसेज के साथ शेयर किया जा रहा लिंक का कोई डोमेन नेम नहीं है। इसका भारत सरकार के साथ लिंक भी नहीं है। इसके यूआरएल में https की जगह सामान्य http का इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा इसमें यूजर्स से गूगल प्ले स्टोर की जगह किसी थर्ड पार्टी सोर्स से ऐप डाउनलोड करने के लिए भी कहा जाता है।
ऐप डाउनलोड करने पर कुछ परमिशन मांगता है। http: //204.44.124 [।] 160 / ITR, लिंक खोलने पर यूजर्स को एक लैंडिंग पेज पर रिडायरेक्ट कर दिया जाता है। ‘प्रोसीड टू द वेरिफिकेशन स्टेप्स’ बटन पर क्लिक करने पर नाम, पैन, आधार नंबर, एड्रेस, पिनकोड, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल, सीवीवी/ सीवीसी और डेबिट कार्ड पिन जैसी जरूरी जानकारी मांगी जाती है। ऑनलाइन बैंकिंग के लिए यूजर्सनेम और पासवर्ड आदि की भी डिमांड की जाती है।