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Cyber Crime

साइबर क्राइम का सबसे सनसनीखेज खुलासा: 10 साल के बच्चे ने अपने परिवार की पर्सनल लाइफ कैसे की Hack, जानिए

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दिल्ली से सटे गाजियाबाद का इंदिरापुरम एरिया। यह काफी पॉश एरिया है। यहां सरकारी अधिकारी से लेकर मल्टीनैशनल कंपनियों के अधिकारी भी रहते हैं। यूपी के एक सीनियर सरकारी अधिकारी भी यहां परिवार के साथ रहते हैं। परिवार में पति-पत्नी और दो बच्चे। बेटी (उम्र -13) और एक बेटा जिसकी उम्र 10 साल है। मम्मी-पापा के साथ दोनों बच्चों के पास भी मोबाइल फोन हैं। परिवार में सभी के नाम पर अलग-अलग ईमेल आईडी भी बनी है। इन दिनों दोनों बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज चल रहीं हैं। इसी बीच, सरकारी अधिकारी की पत्नी के ईमेल पर 1 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक लगातार एक ईमेल आईडी से धमकी भरे मैसेज आते हैं। हैकर की ईमेल आईडी Hackerkuldeep940@gmail.com थी। इस ईमेल के जरिए धमकी देकर 10 लाख रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक मांगे गए। पैसे नहीं देने पर परिवार के चारों सदस्य की गला काटकर हत्या करने तक की धमकी दी गई थी।

10 साल के बच्चे की धमकी जानकर शायद ही कोई यकीन करें

फिल्म Hacked में भी दिखाया गया था कि कैसे एक हैकर अपनी ही दोस्त की पर्सनल जिंदगी को हैक कर लिया था

10 साल का बच्चा क्या-क्या धमकी दे सकता है? आप सोचिए, लेकिन जिस तरह की धमकी इस बच्चे ने दी। उस पर आप शायद ही यकीन कर पाएंगे। लेकिन ये सच है। बच्चे ने पहले कहा कि तुम्हारे परिवार में कौन-कौन है, मुझे सब पता है। घर में 13 साल की एक नाबालिग लड़की भी है। उससे शादी भी करानी पड़ जाएगी। धमकी मिलने के बाद पति-पत्नी जो आपस में बात करते थे वो बात भी अगले दिन ईमेल पर लिख दी जाती थी। घर के अंदर की पर्सनल फोटो भी वायरल करने की धमकी मिल रही थी। घर में कब-कौन आ रहा है, ये सबकुछ साइबर हैकर को पता है। इसे कन्फर्म करने के लिए घर की अचानक डोरबेल भी बजाई जाती है। फिर ये बात ईमेल भेजकर कन्फर्म भी कराई जाती है। इससे अधिकारी का परिवार पूरी तरह से सहम गया था। इस तरह घर पर एक तरह से खुफिया कैमरे (स्पाई) से नजर रखने और सभी बातें सुनने तक का अंदेशा हो गया था। ठीक उसी तरह से जैसे फिल्म Hacked (हैक्ड) में दिखाया गया है।

पुलिस की जांच में ऐसे खुली पोल, जानेंगे तो रह जाएंगे सन्न

पुलिस ने काउंसलिंग कर की पूछताछ, बच्चे ने बताई सच्चाई तब समझाकर छोड़ा

इस धमकी भरे ईमेल मामले में गाजियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस ने 23 जनवरी को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस को ये बात काफी चौंका रही थी कि साइबर क्रिमिनल हमेशा दूर रहकर ही धमकी देते हैं। लेकिन इस केस में घर आकर बेल बजाने की बात समझ में नहीं आ रही थी। इसके अलावा पति-पत्नी के बीच होने वाली बात भी हैकर तक पहुंचना भी समझ से परे था। फिर भी पुलिस ने जांच शुरू की।

इसके बाद पुलिस ने 27 जनवरी की शाम को जब मामले का खुलासा किया तो काफी चौंकाने वाली बात सामने आई। हैकर कोई और नहीं बल्कि पीड़ित सरकारी अधिकारी का अपना 10 वर्षीय बेटा ही निकला। ये 5वीं में अभी पढ़ाई करता है। इस बारे में गाजियाबाद के सीओ अभय कुमार मिश्र ने बताया कि स्कूल में  साइबर अपराध पर हुई कार्यशाला के बाद से ही बच्चे के मन में ये आ गया था कि आखिर साइबर क्राइम कितना खतरनाक है। हालांकि, जब मामले का खुलासा हुआ तो पुलिस ने कहा कि बच्चे की उम्र 12 साल से कम है इसलिए उसे समझा दिया गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

स्कूल में हुए साइबर क्राइम प्रोग्राम के बाद मन में सूझी खुराफात

पुलिस ने बताया कि करीब एक महीने पहले स्कूल में साइबर क्राइम को लेकर एक प्रोग्राम हुआ था। उसमें साइबर क्राइम (Cyber Crime) के तरीके के साथ-साथ उसके बचाव के बारे में भी बताया गया था। उसी दौरान से बच्चे के मन में आया था कि वो इसे चेक करेगा। इसलिए उसने घर पर ही कंप्यूटर से पहले एक फर्जी ईमेल आईडी बनाई। इसके बाद 1 जनवरी नए साल से ही अपनी मां की ईमेल आईडी पर धमकी भरे मैसेज भेजने लगा था। 10 करोड़ रुपये की फिरौती भी मांगी। नहीं देने पर नाबालिग बेटी से जबरन शादी करने की धमकी दी। दोनों बच्चों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी। अपनी पहुंच बताने के लिए घर की डोरबेल तक बजा दी थी।

ऐसे हुआ शक : जांच के लिए पुलिस घर से ले गई पिंक फोन, बच्चे ने तुरंत भेजा ईमेल- बोला पुलिस को क्यों दिया पिंक फोन?

गाजियाबाद के साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार ने मीडिया को बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन दिन पहले ही पुलिस टीम घर पर जांच करने गई थी। पुलिस टीम सुबह 11 से शाम 6 बजे तक वहीं रही थी। ये देखने के लिए आखिर उनके घर के अंदर कैसे नजर रखी जा रही है। घर में होने वाली बात हैकर तक कैसे पहुंच जा रही है। इस दौरान पुलिस ने घर के दो फोन, डेस्कटॉप अपने कब्जे में ले लिया। ये देखने के लिए कि इनमें कोई स्पाई सॉफ्टवेयर या कैमरे तो नहीं लगे हैं। पुलिस ने सभी ईमेल आईडी के पासवर्ड भी बदलवाए थे। इतना करने के बाद पुलिस टीम शाम 6 बजे घर से निकली थी।

पुलिस मुश्किल से दो किलोमीटर दूर ही पहुंची होगी कि पीड़ित सरकारी अधिकारी का फोन आया।  अधिकारी ने बताया कि हैकर का मैसेज आया है। जिसमें उसने पुलिस टीम के घर आने, सुबह 10 बजे से शाम तक रुकने, पुलिस की संख्या 5 होने और घर से पिंक मोबाइल फोन को कब्जे में लेकर जाने तक की बात लिखी है। इस मैसेज की जानकारी मिलते ही पुलिस सन्न रह गई। तुरंत लौटी और फिर से जांच शुरू की। पुलिस को शक हो गया कि इस मामले में जरूर घर के कोई आसपास का ही है।

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ईमेल आईडी के आईपी एड्रेस से खुली पोल, बच्चा बोलायमराज के कहने पर किया था

पुलिस की जांच में हैकर की ईमेल आईडी से परिवार के सदस्य होने का सुराग मिल गया था। इसके बाद पुलिस ने बच्चे से बातचीत की तो उसने पहले बताया कि रास्ते में मिलने वाला आदित्य नाम का लड़का उससे ऐसा कराता था। विरोध करने पर वह उसे पटक-पटककर मारता था। इसलिए मजबूर हो गया। लेकिन जब आदित्य की कहानी झूठी निकली तब बच्चे ने कहा कि उसके दोस्त यमराज ने उसे ऐसा करने को कहा था। पुलिस और परिजनों ने काउंसिलिंग की तो बच्चे ने फिर पूरी कहानी बताई।

बच्चा बोला– You Tube पर हैकर की कहानी देखी, फिर मन में जो आया किया

काफी काउंसलिंग के बाद बच्चे ने साइबर हैकिंग की पूरी कहानी बताई। उसने बताया कि यू-ट्यूब पर मोबाइल हैकिंग की वीडियो देखी थी। कुछ कहानी देखी थी। इसके बाद उसने फर्जी ईमेल आईडी बनाई। इसके बाद ईमेल भेजकर धमकी दी थी कि अगर पैसे नहीं दिए तो उनके आपत्तिजनक फोटो वायरल कर दिए जाएंगे। इस दौरान बच्चे ने ये भी बताया कि ये सबकुछ करने के पीछे उसे ना ही पैसे लेने थे और ना ही किसी ने कुछ दबाव डाला था। मेरा ना ही कोई मकसद था और ना ही उसकी कोई योजना थी। जो मेरे मन में आया, वह करता रहा।

Online Child Safety Tips : इन बातों का रखें ध्यान

  • आजकल बच्चों को फोन देने से रोकना बहुत मुश्किल है इसलिए आपको ही अलर्ट रहना होगा
  • बच्चों को औसतन एक घंटे तक के लिए ही फोन दीजिए और बीच-बीच में नजर रखते रहिए
  • बच्चा फोन पर क्या करता है, क्या सर्च करता है, इसकी हिस्ट्री जरूर चेक करते रहिए
  • बच्चा यू-ट्यूब पर क्या देखता है, इसकी पूरी हिस्ट्री सेव रखें और चेक करते रहें
  • आजकल बच्चों को साइबर सेफ्टी टिप्स देना बहुत जरूरी है इसलिए समय-समय पर दें
  • फोन के जमाने में बच्चा गुमसुम रहे तो उससे खुलकर बात करें, कहीं घुमाने ले जाएं
  • बच्चे को स्मार्टफोन दें तो ये ध्यान रखें कि उस फोन में कोई भी बैंक अकाउंट लिंक नहीं हो
  • बच्चे कौन सा गेम खेलते हैं और कौन सा नहीं, इस बात का हमेशा ध्यान रखें और चेक करते रहें