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Cyber Crime : जामताड़ा के जंगल में देखिए फ्रॉड गैंग का कैसा होता है कॉल सेंटर और कौन होता है बैंक मैनेजर?

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BY : Sunil Maurya & Arsh Verma

Cyber Crime : सिर्फ एक कॉल और आपका बैंक अकाउंट खाली। ऐसे साइबर क्राइम अक्सर हो रहे हैं। शायद आपके साथ भी ऐसा हुआ हो। या फिर हो सकता है कि अगला टारगेट आप ही हों। कई बार आप खुद परेशानी होने पर किसी बैंक या पेटीएम या फोनपे के कस्टमर केयर का पता लगाने के लिए गूगल पर नंबर तलाशते हैं। लेकिन गूगल पर आपको साइबर क्रिमिनल का नंबर मिल जाता है। फिर साइबर क्रिमिनल आपसे इस तरह से बात करते हैं कि आप समझ नहीं पाएंगे कि वो असली कस्टमर केयर है या साइबर फ्रॉड। आपने कई बार ऐसी घटनाओं के बारे में सुना होगा लेकिन पहली बार आपको हम दिखाएंगे कि ऐसे साइबर फ्रॉड का कैसा होता है कस्टमर केयर सेंटर, कौन होता है सीनियर मैनेजर और कैसे करते हैं आपके साथ फ्रॉड?

आलीशान बिल्डिंग या एसी में नहीं, जंगल में ऐसे होता है इनका कॉल सेंटर

किसी भी बैंक या पेटीएम या किसी डिजिटल मोबाइल ऐप का कस्टमर केयर सेंटर कैसा होता होगा? आप कल्पना कीजिए। आलीशान बिल्डिंग। सुंदर लाइटिंग। सेंट्रल एयरकंडीशन। सीट पर लैपटॉप या कंप्यूटर। कानों पर हेडफोन और सामने सुंदर सा डेस्क। कुछ ऐसे ही होते हैं कॉल सेंटर के ऑफिस।

लेकिन साइबर फ्रॉड के कॉल सेंटर को देखिए। आसपास जंगल। कोई बिल्डिंग नहीं। बल्कि है खुला आसमां। हेडफोन या कोई कंप्यूटर नहीं। जो है सबकुछ एक बेसिक फोन और लैपटॉप या कंप्यूटर की जगह पुराने स्मार्ट फोन। कुछ खाने का मन करे तो बिस्किट या मिठाई नहीं बल्कि गांव की खैनी। लेकिन बात ऐसे करते हैं जिसे फोन पर सुनकर कोई भी आसानी से ये भरोसा कर लेता है कि यही बैंक के असली कस्टमर केयर हैं। खुद ही कस्टमर केयर और खुद ही बैंक मैनेजर। आवाज बदलने में माहिर। लेकिन सामने वाले को इनकी बातों पर आसानी से भरोसा हो जाता है। और इसी भरोसे की वजह से ये आपसे वो भी डिटेल पूछ लेते हैं जिन्हें आपको बताने की जरूरत नहीं होती। इसीलिए ये वीडियो खुद देखिए और सजग रहिए।

कॉन्फिडेंस इतना की कोई भी धोखा खा जाए, खुद ही कहते हैं आप शक कर रहे हैं

देखें वीडियो..

इन साइबर क्रिमिनल के फ्रॉड करने का तरीका पूरी तरह से कॉन्फिडेंस से भरा है। इनके बात करने के कॉन्फिडेंस को देखकर कोई भी धोखा खा सकता है। दरअसल, काफी दिनों की ट्रेनिंग लेकर 10वीं या 12वीं तक पढ़े युवक भी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगते हैं। फिर शुरू में खुद को बैंक का कस्टमर केयर या अधिकारी बताकर लोगों का भरोसा जीतते हैं। अगर कोई इन पर शक करता है तो एक फर्जी बैंक आईडी भी बताते हैं। ये भी कहते हैं कि हम आपसे पिन नंबर या पासवर्ड नहीं पूछेंगे। इसलिए आप भरोसा करें। ऐसा नहीं करने पर आपका बैंक खाता ब्लॉक हो जाएगा। इसी तरह से झांसे में लेकर ये साइबर क्रिमिनल फ्रॉड करते हैं। इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि कभी भी फोन पर बात करते हुए बैंक से संबंधित कोई भी काम ना करें। ना कोई जानकारी शेयर करें और ना ही कोई वेरिफिकेशन कोड बताएं। क्योंकि ये फ्रॉड गैंग आपके कार्ड को ब्लॉक करने के नाम पर तो कभी केवाईसी या कभी खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताकर बैंक खाते को खाली कर देता है।