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क्राइम

साइबर ठगों ने लूटे 57 करोड़ रुपये, 18 थानों में दर्ज मामलों में बरामद हुए दो करोड़ रुपये

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साइबर ठगों ने लूटे 57 करोड़ रुपये, 18 थानों में दर्ज मामलों में बरामद हुए दो करोड़ रुपये

साइबर ठग लोगों को नौकरी और लॉटरी से लेकर अन्य प्रलोभन देकर रोजाना निशाना बना रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साइबर थानों में दर्ज मामलों के तहत साइबर ठग लोगों की गाढ़ी कमाई के 57 करोड़ रुपये से अधिक लूट चुके हैं, जबकि कई ऐसे मामले भी होते हैं, जिनमें पीड़ित व्यक्ति थाने तक पहुंचता ही नहीं है। यानी ठगी की वास्तविक रकम का आंकड़ा और बड़ा है। अब आप सावधानी व सतर्कता से अपनी गाढ़ी कमाई लुटने से बचा जरूर सकते हैं।

इसके लिए किसी अजनबी नंबर से आई काल को रिसीव करने के दौरान बातचीत में पूरी सतर्कता बरतें और बैंक संबंधी कोई जानकारी किसी से कतई साझा न करें। किसी वेबसाइट पर भी बैंक से जुड़ी जानकारियां साझा करने से पहले सौ बार सोच समझकर ही कदम बढ़ाएं। प्रदेश में पहली बार वर्ष 2016 में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में दो साइबर थानों की स्थापना हुई थी।

साइबर अपराध के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन ने वर्ष 2020 में 16 और साइबर थाने खोले। हर परिक्षेत्रीय मुख्यालय स्तर पर एक-एक साइबर थाने की स्थापना की। इन थानों में दर्ज मामलों और पीडि़तों से ठगी गई रकम के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो वह सावधान करने वाले हैं। साइबर थानों में अब तक दर्ज फ्रॉड के कुल मामलों में 57 करोड़ रुपये से अधिक की रकम हड़पी गई है।

साइबर ठगों की गिरफ्तारी कर पुलिस उनसे महज दो करोड़ रुपये ही बरामद कर सकी। जिन मामलों में समय रहते ठगी की सूचना मिल गई, उनमें करीब पांच करोड़ रुपये बैंक खातों में फ्रीज कराए गए। साइबर थानों में कुल 629 मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई के कदम बढ़ाए गए हैं लेकिन, पुलिस के लिए साइबर ठगों द्वारा लूटी गई रकम की बरामदगी हमेशा से बड़ी चुनौती ही रही है। साइबर ठग फर्जी सिम व फर्जी दस्तावेजों के जरिये खोले गए खातों को हथियार बनाकर रकम को बड़ी आसानी से हड़प लेते हैं। ई-वालेट के जरिये भी ठगी गई रकम को एक से दूसरे खाते में भेजकर पुलिस के लिए उसका सुराग जुटाने की चुनौतियां बढ़ा दी जाती हैं।

हेल्पलाइन नंबर 155260 पर तत्काल करें शिकायत
एडीजी साइबर क्राइम रामकुमार का कहना है कि साइबर फ्रॉड के मामलों में ठगी गई रकम को बचाने के लिए हेल्पलाइन नंबर 155260 की शुरुआत की गई है। इस हेल्पलाइन नंबर को यूपी 112 से भी जोड़ा गया है, जिससे साइबर फ्रॉड की शिकायत मिलते ही ठगी गई रकम को बैंक खातों में ही फ्रीज कराया जा सके। एडीजी ने फाइनेंशियल फ्रॉड होते ही लोगों से इस नंबर पर तत्काल शिकायत दर्ज कराने को कहा है।

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