क्राइम
पंजाब : महिलाओं को लेकर AAP के चुनावी वादे के नाम पर साइबर ठगी, ऐसे लोगों को निशाना बना रहे ठग

आम आदमी पार्टी (AAP) ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर पंजाब में सरकार बनाई है। पार्टी ने चुनाव से पहले 18 साल से ऊपर की महिलाओं को 1,000 रुपये का मासिक भत्ता देने का वादा किया था। अब हैकर्स (Hackers) और साइबर स्कैमर्स (cyber scammers) इसके बहाने लोगों को ठग रहे हैं।
द ट्रिब्यून के अनुसार ठग व्हाट्सएप (WhatsApp) पर इसे लेकर लिंक भेज रहे हैं और लोगों को चूना लगा रहे हैं। जालंधर स्थित सिक्यूनस टेक्नोलॉजीज के साइबर विशेषज्ञ और संस्थापक पलविंदर सिंह ने इस साइबर फ्रॉड को संज्ञान में लाया था। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में कई महिलाओं ने उनसे व्हाट्सएप पर प्राप्त ‘आम आदमी पार्टी पंजाब महिला पेंशन पंजीकरण’ ‘लिंक’ को लेकर संपर्क किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह के दो मैसेज फॉरवर्ड किए जा रहे थे। इसमें लिखा था, “आप सरकार ने पंजाब महिला पेंशन 1000 रुपये योजना शुरू की है। पंजीकरण अब शुरू है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मार्च है।” इस संदेश के साथ, एक लिंक भी होती है और यदि कोई उस पर क्लिक करता है, तो एक गूगल फॉर्म दिखाई देता है जो यूजर्स के व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या और यहां तक कि डेबिट कार्ड विवरण भी मांगता है।
क्या इस लाभ का फायदा उठाने के लिए कोई नया दिशानिर्देश जारी किया गया? यह जांचने के लिए आप के कुछ कार्यकर्ताओं से संपर्क किया गया, तो पता चला कि पार्टी ने दिसंबर, 2021 (प्रचार के दौरान) में पंजीकरण के लिए एक नंबर जारी किया था और पंजीकरण करने का यही एकमात्र तरीका था। उन्होंने कहा कि 1,000 रुपये पेंशन के लिए पंजीकरण के लिंक के साथ वायरल हो रहे संदेश पूरी तरह से फर्जी हैं।
पलविंदर ने कहा, “जिस महिला ने मुझे यह लिंक फॉरवर्ड किया था, वह यह जानती थी कि यह फ्रॉड या फ़िशिंग अटैक है। उसने कहा कि फॉर्म में मांगी गई अन्य सभी जानकारी वास्तविक प्रतीत होती हैं, डेबिट कार्ड के विवरण मांगने वाले कॉलम से उसे महसूस हुआ कि यह एक फ्रॉड है।” ग्रामीण इलाकों के लोग साइबर सुरक्षा को लेकर काफी पीछे है। इसका फायदा उठाकर फ्रॉड सरकारी घोषणाओं या योजनाओं के नाम पर उनकी गाढ़ी कमाई लूट लेते हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी और लॉकडाउन के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें कई लोगों को फर्जी कोविड वेबसाइट्स से लाखों का चूना लगा। इस दौरान उन्हें राहत राशि प्राप्त करने के लिए बैंक विवरण साझा करने के लिए कहा गया।
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पलविंदर ने आगे कहा कि धोखेबाज लोगों को ठगने के नए-नए तरीके खोजते रहते हैं, ऐसे में इस डिजिटल दुनिया में हर किसी को सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “हमें कभी भी किसी के साथ कोई गोपनीय विवरण साझा नहीं करना चाहिए और न ही हमें व्हाट्सएप फॉरवर्ड पर विश्वास करना चाहिए, खासकर सरकारी योजनाओं या किसी छूट की पेशकश से संबंधित मैसेज पर।”
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