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क्राइम

अब हर हाल में पुलिस को साइबर क्राइम पीड़ितों की करनी होगी मदद, यूपी के हर थाने में होगी साइबर हेल्प डेस्क

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अब हर हाल में पुलिस को साइबर क्राइम पीड़ितों की करनी होगी मदद, यूपी के हर थाने में होगी साइबर हेल्प डेस्क

साइबर क्राइम की शिकायत लेकर थाने पहुंचे पीड़ितों की पुलिस को हर हाल में मदद करनी होगी। वे अब उन्हें टरका नहीं पाएंगे। अक्टूबर से साइबर अपराध पर अंकुश लागने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश के थानों में साइबर हेल्प डेस्क होगी। इसके लिए 25 हजार पुलिस कर्मियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 30 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद इन पुलिसकर्मियों की अलग-अलग थानों में तैनाती होगी।

हर हेल्प डेस्क पर तीन से चार पुलिस कर्मी तैनात होंगे। अबतक थाना पुलिस उन्हें साइबर अपराध की बात कहकर साइबर क्राइम सेल भेजती थी। वहीं साइबर क्राइम सेल मुकदमा न दर्ज होने की बात कहकर फिर थाने भेज देती थी। इस तरह पीड़ित कई दिनों तक प्रार्थनापत्र लेकर एक से दूसरे दफ्तर के चक्कर काटता रहता था।

थानों में बनी साइबर हेल्प डेस्क पर तैनात पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी होगी कि वो पीड़ितों के प्रार्थनापत्र की जांच करें और उनकी शिकायत केंद्र सरकार द्वारा जारी वेबसाइट और टोल फ्री नंबर पर दर्ज कराएं। इसके साथ ही मामले की जांच करेंगे। जरूरत पड़ने पर रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। यही नहीं उन्हें मामले की प्रगति रिपोर्ट भी पीडि़त को समय-समय पर देनी होगी।

किसी भी तरह का साइबर फ्राड होने पर टोल फ्री नंबर 155260 पर शियाकयत करें। पुलिस विभाग के साइबर एक्सपर्ट से लेकर बैंक और कई कंपनियां मर्ज की गई हैं। आप वेबसाइट: www.cybercrime.gov.in (केंद्र सरकार द्वारा जारी वेबसाइट), मोबाइल नंबर : 9454457953-4 (परामर्श हेतु जारी नंबर) या पुलिस कंट्रोल रूम : 112 पर शिकायत कर सकते हैं।

कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 में लगे लॉकडाउन के पहले सिर्फ लखनऊ में ही साइबर क्राइम के रोजाना सात से आठ केस आते थे। आज स्थिति और खराब हो गई है। रोजाना 18 से 20 शिकायतें सिर्फ साइबर क्राइम सेल में आ रही हैं। इनमें से 60 फीसद मामले आर्थिक अपराध से संबंधित होते हैं।

उत्तर प्रदेश के एडीजी साइबर क्राइम रामकुमार ने कहा कि लगातार बढ़ रहे साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए डीजीपी के निर्देश पर प्रदेश के सभी थानों मेंं साइबर हेल्प डेस्क खोली जा रही है। इसके लिए पूरे प्रदेश से करीब 25 हजार पुलिस कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा होते ही हेल्प डेस्क शुरू की जाएगी।

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