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Deepfake Crime: जालसाजों ने AI से वीडियो कॉल पर बदला चेहरा… फिर करोड़ों की ठगी को दिया अंजाम

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Deepfake Crime: जालसाजों ने AI से वीडियो कॉल पर बदला चेहरा… फिर करोड़ों की ठगी को दिया अंजाम

आज के दौर में टेक्नोलॉजी काफी आगे निकल गई है। इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) काफी चर्चा में है। लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ रही है। ऐसे में साइबर जालसाजों ने अपना काम शुरू कर दिया है, इसकी मदद से वे बड़े स्तर पर लोगों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं। चीन से साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) का ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां जालसाजों ने ठगी के लिए ‘डीपफेक’ तकनीक का इस्तेमाल किया है। इसकी मदद से फ्रॉड ने खुद को एक व्यक्ति का दोस्त बताकर उससे ठगी की। ऐसे मामलों में जालसाज पीड़ित के किसी परिचित व्यक्ति की तस्वीर और उसकी आवाज का इस्तेमाल AI की मदद करके ठगी करते हैं।

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पुलिस ने दी जानकारी

इस मामले पर पुलिस ने बताया कि जालसाजों ने पीड़ित के दोस्त का चेहरा कॉपी करने के लिए वीडियो कॉल के दौरान AI- संचालित फेस-स्वैपिंग का इस्तेमाल किया। इस नई तकनीक का इस्तेमाल कर अपराधियों ने उस युवक से करीब 5.15 करोड़ की ठगी की। पुलिस ने बताया कि उन्होंने पीड़ित की चोरी की गई ज्यादातर धनराशि को बरामद कर लिया है और बाकी बचे पैसों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

क्या है Deepfake Crime

डीपफेक्राइम एक तकनीकी अपराध है जिसमें शख्स वीडियो या फोटोग्राफी को संशोधित करके दूसरे व्यक्ति के चेहरे को उसमें प्रतिस्थापित करता है। इस प्रकार के अपराध में, कंप्यूटरीकृत विशेषज्ञता और गहरी शोध तकनीकों का उपयोग किया जाता है जिससे अद्यतित या नया मद्देनज़र तैयार किया जा सकता है।

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डीपफेक्राइम का उपयोग नकली साक्ष्य, फेसबुक प्रोफाइल, वीडियो संदेश, अभिनय कला और संगीत वीडियो आदि के संशोधन के लिए किया जा सकता है। इसे अवैध उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि आपत्तिजनक वीडियो के निर्माण, ऑनलाइन बदनामी, धोखाधड़ी, फिल्मों या टीवी शोज़ में प्रमुख व्यक्तियों की आवाज़ के साथ उनकी तस्वीरें शामिल करना, और जुर्मी गतिविधियों को छुपाने के लिए वीडियो प्रमाण के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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इसके नतीजे स्वार्थी उद्देश्यों, व्यक्तिगत नुकसान, सार्वजनिक अस्तित्व के खतरे, जुर्मी शक्तियों के प्रभावित होने के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक हानि भी हो सकती है। यह अपराध नकली वीडियो और फोटोग्राफी के माध्यम से मिथ्या और भ्रामक सूचना को प्रसारित कर सकता है, जिससे विश्वासघात, अस्थिरता और जानकारी के ग़लत इस्तेमाल की स्थिति पैदा हो सकती है।

डीपफेक्राइम अपराध के खिलाफ जुर्माने और सजा निर्धारण की कानूनी प्रक्रिया भिन्न-भिन्न देशों में अलग-अलग होती है। इसके लिए वैधानिक प्रबंधन और तकनीकी उन्नति को अपडेट करके इस तकनीकी अपराध के खिलाफ लड़ाई में सक्षम होना आवश्यक होता है।

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ऐसी ठगी से बचने के तरीके

इस तरह की साइबर ठगी से बचने के लिए किसी भी अनजान नंबर से आने वाले कॉल या वीडियो कॉल पर जल्दी से भरोसा ना करें।

अगर कोई कॉल करके आपको अपना दोस्त या कोई परिचित व्यक्ति बताता है तो उस पर विश्वास करने से पहले किसी अन्य जानने वाले से इसकी जांच करें।

किसी भी अनजान इंसान से वित्तीय लेनदेन करने से बचे। साथ ही ऐसे ही किसी अनजान को अपनी निजी जानकारी भी साझा ना करें।

यदि आपके साथ ठगी होती है तो सबसे पहले साइबर अपराध सेल को इसकी जानकारी दें।

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