क्राइम
बुजुर्ग दंपति के खाते से उड़े 60 लाख रुपये, कोर्ट ने SBI को दिया ब्याज समेत 97 लाख रिफंड करने का आदेश
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के एक आदेश के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) को एक ग्राहक को ब्याज समेत 97 लाख रुपये रिफंड करना होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंक को 97,06,491 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। इसमें 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज और मुआवजे और कानूनी खर्च के रूप में अतिरिक्त 3.20 लाख रुपये शामिल हैं।
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एनसीडीआरसी ने तेलंगाना राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के आदेश को बरकरार रखा है। यह मामला एक बुजुर्ग दंपति से जुड़ा है, जिन्होंने 9 अगस्त, 2017 तक एक जॉइंट फिक्सड अकाउंट (Joint Fixed Account) और तीन फिक्सड अकाउंट (Fixed Deposit) खोले थे, जिनकी कुल राशि ₹40 लाख थी।
4 अप्रैल, 2019 को जब वे पासबुक अपडेट करने की कोशिश कर रहे थे, तो उन्हें पता चला कि उनके खाते में केवल ₹3 लाख बचे हैं और बाकी की राशि निकाल ली गई है। कुल राशि ₹63 लाख थी। धोखाधड़ी वाले लेन-देन एक अलग फोन के माध्यम से किए गए थे।
एक ऐसे नंबर से जो दंपति के पंजीकृत नंबर से जुड़ा नहीं था। रिपोर्ट में धोखेबाज के कबूलनामे का हवाला देते हुए कहा गया है कि दंपति के पास वास्तव में स्मार्टफोन नहीं था। पुलिस ने 9 अप्रैल, 2019 को एफआईआर दर्ज की। बैंक ने दंपति पर लापरवाही का आरोप लगाया।
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रिपोर्ट में एसबीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों के हवाले से कहा गया है कि ग्राहकों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने मोबाइल डिवाइस का अनाधिकृत उपयोग न करें और मोबाइल बैंकिंग पासवर्ड/पिन को अनाधिकृत व्यक्तियों के साथ साझा न करें। उन्होंने अपने मोबाइल, पिन नंबर और अन्य विवरण अपने सहयोगियों के साथ साझा किए और सभी विवादित लेनदेन इन सहयोगियों द्वारा या तो उनकी मिलीभगत से या उनकी लापरवाही के कारण किए गए।