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भारत सरकार की Fake Website बना 1900  लोगों से ठगी, चार साइबर क्रिमिनल गिरफ्तार

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भारत सरकार की Fake Website बना 1900 लोगों से ठगी, चार साइबर क्रिमिनल गिरफ्तार

जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) बनाने के नाम पर केंद्र सरकार की Fake Website  बना 1900 लोगों से ठगी करने वाले एक गिरोह का दिल्ली पुलिस की Special Cell ने खुलासा किया है। गिरफ्तार आरोपी पिछले काफी समय से इस तरह की फर्जीवाड़ा कर रहे थे और इन आरोपियों को Noida, Himachal Pradesh और Telangana में छापेमारी कर पकड़ा गया है। दिल्ली पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क के बारे में पता लगा रही है।

सरकारी Website से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर कर रहे थे ठगी

इस फर्जीवाड़ा में गिरफ्तार किए गए कनक कपूर B Tech है जबकि अमित खोसा Commerce Graduate  है। शंकर एमबीए पास है तो विनय सरकार एचआरएम किया हुआ है। इस गिरोह के जालसाज जीवन प्रमाण पत्र ( Life Certificate) बनाने के लिए सरकारी वेबसाइट jeevanpramaan.gov.in से मिलती-जुलती वेबसाइट jeevanpraman. online बनाकर लोगों से फर्जीवाड़ा कर रहे थे और अब तक इन लोगों ने 1900 से अधिक लोगों से ठगी की है।

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दिल्ली पुलिस के DCP प्रशांत गौतम ने बताया कि कुछ दिन पहले नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर(NIC) से साइबर सेल को एक शिकायत मिली थी जिसमें बताया गया था कि कुछ लोगों ने जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) बनाने के लिए फर्जी सरकारी वेबसाइट बनाई हुई है। इस मामले में जब Delhi Police की टीम ने जांच की तो इस पूरे गैंग का पर्दाफाश किया गया। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी Fake Website पर एक फॉर्म भरवा कर लोगों से जीवन प्रमाण पत्र के नाम पर पैसे लेते थे और इसके बाद न तो पैसे वापस मिलते थे नहीं जीवन प्रमाण पत्र दिया जाता था।

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बीटेक छात्र ने बनाई थी Fake Website

दिल्ली पुलिस की पूछताछ में पता चला कि जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) बनाने की फर्जी वेबसाइट गिरफ्तार आरोपी BTech छात्र कनक ने बनाया था और वही इस गिरोह का Mastermind है। गिरफ्तार आरोपी कनक इंजीनियर के साथ-साथ Web Developer भी है और उसे पूरे फ्रॉड का 50 फ़ीसदी रकम मिलती थी। इसके बाद आधी रकम में से अन्य तीनों के बीच बंटवारा किया जाता था।

Pensioners को होती है जीवन प्रमाणपत्र की जरूरत

दरअसल यह गिरफ्तार आरोपी Senior Citizens को निशाना बनाते थे और Retirement के बाद उनका डेटाबेस बनाकर उनसे संपर्क करते थे। क्योंकि पेंशन भोगियों को ही सेवानिवृत्ति के बाद Bank या Post Office में अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना पड़ता है और उसके बाद ही उन्हें Pension दी जाती है। वर्ष 2014 को केंद्र सरकार ने जीवन प्रमाण पत्र के लिए बायोमेट्रिक डिजिटल सर्विस शुरू की थी इसके तहत ऑनलाइन Life Certificate के लिए आवेदन कर उसे प्राप्त किया जा सकता है। Cyber Criminals ने इसका फायदा उठाकर सरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगी शुरू कर दी।

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