क्राइम
सनी लियोनी और नोरा फतेही के Live Concert के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरफ्तार
एसटीएफ (UP STF) ने बॉलीवुड कलाकारों (Actors) के लाइव शौ के नाम पर 9 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड व उसके अन्य साथियों को पुण (Maharashtra) और अहमदाबाद (Gujarat) से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस और STF इस मामले की जांच में जुटी हुई है।
श्री सुविधा फाउंडेशन ट्रस्ट (Shree Suvidha Foundation Trust) की ओर से नवंबर साल 2022 में लखनऊ के इकाना स्टेडियम (Ekana Stadium) में सिंगर गुरु रंधावा, टाइगर श्रॉफ, नोरा फतेही, संचित-परंपरा व सनी लियोनी (Sunny Leon) के लाइव कंसर्ट (live concert) के नाम पर ठगों ने लोगों को लाखों रुपये में शौ के टिकट बेचे गए थे। इतना ही नहीं फाइनेंसर्स से उन्होंने करोड़ों रुपये भी लिए गए थे।
शौ की एक तारीख भी तय कर दी गई थी, लेकिन शौ से ठीक एक दिन पहले शौ करने वाले आयोजक पूरे नौ करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए थे। इस मामले में सुशांत गोल्फ सिटी थाने (Sushant Golf City Police Station) में दो और गोमती नगर में एक FIR दर्ज कराई गई थी। FIR में तीन लोगों के नाम विराज त्रिवेदी, जयंतीभाई डेरावालिया और समीर कुमार शामिल थे। तब से इन लोगों की तलाश जगह-जगह चल रही थी।
इस पर एसटीएफ एएसपी विशाल विक्रम सिंह (ASP Vishal Vikram Singh) ने बताया कि ये तीनों आरोपी पिछले नौ महीने से फरार थे। 27 जुलाई को विराज और जयंतीभाई को पुणे (Pune) से और उनके अन्य साथी समीर को अहमदाबाद (Ahmedabad) से गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों को पूछताछ के बाद ट्रांजिट रिमांड (Transit remand) पर लखनऊ (Lucknow) लाया गया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना पूरा गुनाह कबूल कर लिया है। इस मामले में तीनों को कोर्ट (Court) में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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इतनी रकम की वापसी का दिया था लोगों को झांसा
बता दें कि आरोपियों ने सबसे पहले इकाना स्टेडियम के मैनेजर यानी गौरव सिंह से मुलाकात की थी। इस दौरान इनके बीच स्टेडियम बुकिंग को लेकर एक करोड़ में डील फाइनल हुई थी। इसके बाद उन्होंने करीब दो हजार टिकट लोगों को महंगे दामों में बेचे। अन्य रकम उन्होंने फाइनेंसर्स की मदद से इकट्ठा की थी। आरोपियों ने फाइनेंसर से वादा किया था कि शो के बाद वह उनकी पूरी रकम का करीब डेढ़ गुना अधिक पैसा वापस करेंगे। लेकिन वे शो के पहले ही वहां से फरार हो गए।
जानें कैसे फंसे जाल में
शातिर आरोपी ने ठगी के तुरंत बाद शहर से भागने के दौरान ही अपने सिम निकालकर बाहर फेंक दिए थे। यहां तक कि अपना मोबाइल भी चेंज कर दिए थे। सूत्रों के अनुसार, आरोपी जिन नंबरों का पहले इस्तेमाल किया करते थे, पुलिस ने उनकी पूरी कॉल डिटेल बाहर निकाली। इससे संदिग्धों के नंबरों की पहचान की गई। इन नंबरों पर एसटीएफ ने आरोपियों से संपर्क किया, जिससे वह पकड़े गए।
ठगी का मास्टरमाइंड 12वीं पास
जानकारी के मुताबिक, ठगी का मास्टरमाइंड विराज त्रिवेदी 12वीं पास है। वह ठगी से पहले एक कुरियर कंपनी में डिलीवरी ब्वॉय का काम करता था। इस दौरान उसने सबसे पहले उसने श्री सुविधा फाउंडेशन के सीएमडी के साथ हाथ मिला लिया। फिर अन्य लोगों को अपने साथ जोड़ा और इस ठगी को अंजाम दिया। एसटीएफ के अनुसार, विराज ने कुरियर कंपनी में सिर्फ सात साल तक काम किया था। इसके बाद 1999 में उसने अपनी खुद की एक कुरियर एजेंसी खोल ली, जो 2014 तक चली। उसका सारा व्यापार गुजरात में था। इसके बाद उसने अपना एक और ऑफिस खोला जोकि मलाड मुंबई में है। कोरोना के दौरान साल 2020 में उसका ये काम भी पूरी तरह से बंद हो गया। इस दौरान विराज की मुलाकात समीर शर्मा (Samir Sharma) से हुई। जोकि एक मोटर कंपनी में काम करता था। वह एक अस्पताल खोलना चाहता था। उसने इसके लिए एक जमीन भी देख रखी थी। उसके बाद विराज की मुलाकात जयंतीभाई से हुई। फिर उन्होंने ठगी को अंजाम दिया और रकम लेकर फरार हो गए।
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