क्राइम
डॉक्टर के साथ ठगी से चीनी साइबर जासूसी तक, FCRF लेकर आया है साइबर क्राइम के टॉप-10 रिपोर्ट
इंटरनेट और स्मार्टफोन के समय में साइबर फ्रॉड दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। साइबर अपराधी ठगी के लिए रोज-रोज नए हथकंडे अपना रहे हैं। ऐसे में फ्यूचरक्राइम रिसर्चर्स देश-विदेश की साइबर अपराध से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आया है। इससे आप दुनियाभर में होने वाले डिजिटल फ्रॉड और इससे जानकारी पा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए खबर पढ़ें।
1. BMC के डॉक्टर से 17 लाख की ठगी
नवी मुंबई में बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन (BMC)की एक डॉक्टर ने साइबर धोखाधड़ी में 17 लाख रुपये गंवा दिए। उसे ऑनलाइन संपत्तियों की समीक्षा करने के लिए पैसे देने का वादा किया गया। इसके बदले में लगातार बढ़ती रकम का भुगतान करके लालच में फंसा गया। ठगी का पता तब चला जब रकम निकालने के लिए कमीशन देने के लिए कहा गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
2. ‘ऑपरेशन एंटी-वायरस’ के निशाने पर साइबर अपराधी
‘ऑपरेशन एंटी-वायरस’के तहत जयपुर पुलिस ने साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा है। मेवात के बनेनी ढोकला गांव में चार अवैध दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया है। सरकारी जमीन पर बनी ये दुकानें एक साइबर जालसाज से जुड़ी थीं। आईजी राहुल प्रकाश ने इस प्रयास को मेवात के बच्चों के बेहतर भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक कदम बताया।
3. बुजुर्ग से ठगी, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने सतर्कता बरतने का आग्रह किया
पुणे में एक रिटायर्ड मुद्राशास्त्री (Numismatist) ऑनलाइन ठगी से बाल-बाल बचा। ठगों उनसे दुर्लभ मुद्रा के खरीदार बनकर संपर्क में आए। उनसे प्रोसेसिंग फीस की मांग की और उन्हें फर्जी पुलिस केस में फंसाने की धमकी दी। साइबर अपराध विशेषज्ञों ने लोगों को आधिकारिक चैनल से अनचाहे प्रस्तावों की जांच करने और मूल्यवान संपत्तियों से जुड़े ऑनलाइन लेनदेन से सावधान रहने की चेतावनी दी है।
4. हिमाचल में साइबर धोखाधड़ी: शेयर बाजार स्कैम में 1.97 करोड़ रुपये का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में फर्जी शेयर बाजार निवेश योजनाओं से जुड़े 1.97 करोड़ रुपये के स्कैम का पर्दाफाश हुआ है। यह मामला मंडी, बिलासपुर और कुल्लू जिलों से जुड़ा है। साइबर अपराधियों ने पीड़ितों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। इससे अतिरिक्त निवेश की मांग बढ़ गई। पुलिस जांच कर रही है और पीड़ितों से आग्रह किया है कि वे आगे की ठगी को रोकने के लिए घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करें।
ALSO READ: Future Crime Research Foundation Hosts Webinar on Top Ransomware Mitigation Strategies
5. पुणे की महिला को साइबर अपराधियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताकर 1.6 करोड़ रुपए की ठगी की
पुणे की 67 वर्षीय महिला ने साइबर स्कैम में 1.6 करोड़ रुपये गंवा दिए। पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर जालसाजों ने दावा किया कि महिला का फोन नंबर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती की धमकियों से भयभीत होकर उसने अपनी बचत को ट्रांसफर कर दिया। ठगी का एहसास होने पर उसने साइबर क्राइम पुलिस को इसकी सूचना दी।
अंतरराष्ट्रीय
6. डच सैन्य खुफिया रिपोर्ट में चीनी साइबर जासूसी को चौंकाने वाला खुलासा
नीदरलैंड्स के सैन्य खुफिया ने खुलासा किया है कि चीनी साइबर जासूसी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। पश्चिमी देशों की सरकारों और रक्षा कंपनियों को निशाना बनाया जा रहा है। डच रक्षा मंत्रालय पर 2023 में हुए हमले के लिए जिम्मेदार एक चीनी हैकिंग समूह ने दुनिया भर में कम से कम 20,000 लोगों को अपना शिकार बनाया है।
7. 2024 में साइबर वॉरफेयर बढ़ा
वैश्विक संघर्ष बढ़ने के कारण अक्सर साइबर अटैक में वृद्धि होती है। ऐसा रूस-यूक्रेन और इजराइल-गाजा के मामले में देखने को मिला है। 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और ओलंपिक जैसे आगामी आयोजनों को देखते हुए जोखिम और भी बढ़ जाता है। संगठनों को तैयारियों को सुनिश्चित करने और जोखिम को कम करने के लिए डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल सर्विस (DDoS), एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) हमलों और AI-जनरेटेड डीपफेक जैसे खतरों के खिलाफ सक्रिय सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए।
8. लंदन के अस्पतालों पर साइबर हमले को ठीक होने में महीनों लगने की उम्मीद
रूसी किलिन गिरोह द्वारा किए गए साइबर हमले ने लंदन में छह एनएचएस ट्रस्ट और कई जीपी प्रैक्टिस को बुरी तरह से बाधित कर दिया है। इससे 2 मिलियन मरीज प्रभावित हुए हैं। रिकवरी में कई महीने लगने की उम्मीद है। सिनोविस पर रैनसमवेयर हमले के कारण ऑपरेशन रद्द हो गए और ब्लड टेस्ट कम हो गए। इसके कारण एनएचएस इंग्लैंड ने “पारस्परिक सहायता” व्यवस्था लागू की।
9. G20 ने डिजिटल खतरों के खिलाफ साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत किया
G20 डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप ने ब्राजील के साओ लुइस में साइबर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक सेमिनार आयोजित किया। अधिकारियों और विशेषज्ञों ने डिजिटल यूजर्स, विशेष रूप से कमजोर लोगों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग, सक्रिय उपायों और एक नियामक ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने साइबर शिक्षा और सुरक्षा प्रणालियों में निरंतर निवेश के महत्व पर प्रकाश डाला।
10. स्नोफ्लेक डेटा ब्रीच ने जबरन वसूली योजना में 165 ग्राहकों की जानकारी उजागर की
मंडिएंट से जुड़ा UNC5537 नाम के एक साइबर कैंपेन ने स्नोफ्लेक ग्राहकों को निशाना बनाया है। चोरी किए गए क्रेडेंशियल्स की मदद से पीड़ितों से जबरन वसूली की जाती है। उत्तरी अमेरिका और तुर्की से जुड़े इस ऑपरेशन ने 165 ग्राहकों की जानकारी उजागर की है। इसके मद्देनजर स्नोफ्लेक को सुरक्षा उपायों को बढ़ाना होगा। हमलावर कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। लुम्मा स्टिलर जैसे मेलवेयर का उपयोग करके डिटेकशन से बच जाते हैं।