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Google पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करने वालों के साथ ऐसे होता है फ्रॉड, UP पुलिस ने किया खुलासा, जानें

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Google Customer Care Fraud Cyber Crime : किसी भी कस्टमर केयर (Customer Care) का नंबर गूगल पर सर्च करते हैं तो सावधान रहिए। क्योंकि गूगल पर साइबर क्रिमिनल अपने मोबाइल नंबर या टोल फ्री नंबर डाल देते हैं। इसके बाद गूगल पेज में टॉप पर अपनी वेबसाइट या कस्टमर केयर नंबर को लाने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियर और SEO एक्सपर्ट की मदद लेते हैँ। इस तरह जैसे ही हम गूगल पर किसी भी कंपनी से संबंधित कस्टमर केयर का नंबर सर्च करते हैं तो इन साइबर क्रिमिनल का नंबर मिल जाता है और फिर ये ट्रैप में लेकर ठगी को अंजाम देते हैं। यूपी साइबर क्राइम पुलिस ने ऐसे ही एक इंजीनियर को गिरफ्तार किया है जो बिहार में बैठे साइबर क्रिमिनल के लिए कस्टमर केयर नंबर की वेबसाइट बनाकर गूगल पर डालता था।

बैचलर ऑफ इंजीनियर है आरोपी साइबर क्रिमिनल

पकड़ा गया साइबर क्रिमिनल अनिल राय

यूपी के साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी 30 वर्षीय अनिल राय है। वह मूल रूप से बिहार के सारण का रहने वाला है। इसने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) की है। पिछले कई साल से ये बिहार के रहने वाले साइबर क्रिमिनल के लिए वेबसाइट डिजाइन, टोल फ्री नंबर, कस्टमर केयर की जानकारी जुटाता रहा है। ये साइबर क्रिमिनलों से अलग रहकर काम करता था और उन्हें वॉट्सऐप पर चैट और वॉयस कॉलिंग के जरिए जानकारी देता रहता था। एसपी साइबर क्राइम ने बताया कि इसके गैंग ने हाल में ही लखनऊ के कल्याणपुर में रहने वाले अतुल श्रीवास्तव से 5 लाख रुपये की ठगी की थी। जिसके बाद साइबर  क्राइम पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। लखनऊ साइबर क्राइम प्रभारी इंस्पेक्टर मुस्लिम खां और इनकी टीम के कॉन्स्टेबल शिवम यादव, संजय, धनीश और नवीन ने मिलकर आरोपी अनिल राय को दबोच लिया। आरोपी के कब्जे से मोबाइल फोन, लैप़टॉप और फर्जीवाड़े से संबंधित सबूत मिले हैं।

ऐसे करते हैं फर्जीवाड़ा : कस्टमर केयर के नाम पर पैसे रिफंड कराने के बहाने रिमोट ऐप के जरिए ठग लेते हैं पैसे

साइबर पुलिस ने बताया कि आरोपी अनिल कुमार ठीक उसी तरह से काम करता है जैसे किसी ऑनलाइन न्यूज पोर्टल में SEO (Search engine optimization) का काम होता है। जैसे गूगल पर कोई क्राइम न्यूज सर्च करे तो किस वेबसाइट की खबर गूगल पर सबसे पहले आ जाए। जिस न्यूज पोर्टल का SEO जितना बेहतर होगा उसकी खबर गूगल पर सबसे पहले आएगी। इसके लिए कई बार गूगल ऐड का भी इस्तेमाल किया जाता है ताकी गूगल के पहले पेज पर सबसे टॉप पर उसकी वेबसाइट या डिटेल आ जाए। इसी तरह अनिल कुमार भी Paytm, Phonepe, Amazon, Flipkart, SBI, HDFC, OLA, UBER समेत तमाम ऑनलाइन कंपनियों, मोबाइल ऐप, बैंक, रेस्टोरेंट के नाम से कस्टमर केयर की डिटेल एक वेबसाइट पर डाल देते थे। इस वेबसाइट की SEO को हमेशा अपडेट करते हुए गूगल पर रैंकिंग करा देते थे। इसके बाद मान लीजिए किसी के अकाउंट से पैसे निकल गए या पेटीएम या अमेजन से जुड़ी जानकारी के लिए कोई गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर तलाशता है तो इन्हीं जालसाजों का नंबर मिल जाता है।

रिमोट पर फोन लेकर ऐसे करते हैं जालसाजी

कोई व्यक्ति जैसे ही इनके नंबर पर कॉल करता है तब ये खुद को कस्टमर केयर अधिकारी बताते हुए मदद के नाम पर Quick Support या AnyDesk जैसे मोबाइल रिमोट ऐप डाउनलोड करा लेते थे। इसके बाद उससे पेटीएम या कोई डिजिटल बैंकिंग ऐप के जरिए 10 रुपये या 1 रुपये की पेमेंट कराते थे। इस तरह रिमोट ऐप के जरिए पासवर्ड की जानकारी जुटा लेते थे और फिर उसके अकाउंट को ही खाली कर देते थे।

Cyber Crime Safety Tips

  • गूगल पर कस्टमर केयर नंबर सर्च करते समय एक्स्ट्रा अलर्ट रहें
  • कभी भी किसी मोबाइल नंबर को कस्टमर केयर नंबर ना समझें
  • किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर कभी मोबाइल नंबर नहीं होता
  • ये जालसाज कई बार टोल फ्री नंबर भी ले लेते हैं इसलिए इसे भी ध्यान रखें
  • गूगल पर नंबर के बजाय कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट से नंबर लें
  • फोन पर बात करते हुए किसी मोबाइल ऐप को डाउनलोड ना करें