Connect with us

क्राइम

‘शॉर्ट नोटिस पर नहीं आ सकता, बिजनेस में बिजी हूं…’ जामताड़ा के ठग का साइबर पुलिस को हैरान करने वाला जवाब

Published

on

'शॉर्ट नोटिस पर नहीं आ सकता, बिजनेस में बिजी हूं...' जामताड़ा के ठग का साइबर पुलिस को हैरान करने वाला जवाब

साइबर थाने से लगातार नोटिस भेजने के बाद भी करोड़पति साइबर अपराधी आनंद रक्षित थाने में उपस्थित नहीं हुआ। उसने डाक के माध्यम से थाने को जवाब भेजा है, वह चौंकाने वाला है। उसने कहा है कि इतने शॉर्ट नोटिस में उपस्थित हो पाना मुश्किल है, क्योंकि मैं अपने बिजनेस में व्यस्त हूं। दरअसल, साइबर अपराध की दुनिया में कुख्यात आनंद रक्षित की जमानत खारिज कराने और उसकी संपत्ति को अटैच करने के लिए जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस न्यायालय और ईडी को प्रस्ताव भेजने की तैयारी में जुटी है।

पुलिस बता रही है कि उसने जांच में सहयोग नहीं किया। आनंद रक्षित के विरुद्ध जामताड़ा साइबर थाना में दर्ज कांड संख्या 54/21 (27 अगस्त) में अनुसंधान में सहयोग के लिए पुलिस ने उसे नोटिस भेजा था। वह फिलहाल जमानत पर है। साइबर थाने की ओर से 20 और 24 दिसंबर 2021 तथा 11 जनवरी 2022 को नोटिस भेजा गया था। तीनों ही नोटिस उसकी पत्नी ने प्राप्त किया। इसी बीच 12 जनवरी को ही उसने एक पत्र निबंधित डाक से साइबर थाना में भेजा।

इसमें उसने इस बात का उल्लेख किया है कि वह थाना पहुंचकर अपना बयान दर्ज करवा चुका है। बार-बार नोटिस भेजने पर वह मौजूद नहीं हो सकता, क्योंकि इससे उसका बिजनेस प्रभावित होता है। हालांकि यह भी लिखा है कि आवश्यकता पड़ने पर वह लिखित बयान दर्ज करवाने साइबर थाना पहुंच सकता है, लेकिन इसके लिए उसे समय देना होगा। पुलिस के अनुसार आनंद रक्षित को तीन नोटिस भेजा गया फिर भी वह उपस्थित नहीं हुआ, जबकि कोर्ट से उसे सशर्त जमानत दी गई थी कि अनुसंधानकर्ता को जब भी आवश्यकता पड़ेगी, वह थाना में उपस्थित होकर जांच में सहयोग करेगा।

घर से 21 लाख 8084 रुपये बरामद
गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसके घर से 21 लाख 8084 रुपये बरामद किए थे। इसके अलावा उसके पास से स्विफ्ट डिजायर कार, एक बाइक, एक स्कूटी, तीन एलइडी, आठ मोबाइल फोन, नौ सिम कार्ड, 12 पासबुक, छह लाख 84 हजार रुपये के फिक्स डिपाजिट के कागजात और 23 लाख 65 हजार रुपये की जमीन के कागजात बरामद हुआ था। रक्षित ने सारी संपत्ति साइबर अपराध के जरिए ही जमा की थी, पुलिस जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है। बरामदगी में चल-अचल संपत्ति की कीमत लगभग 50 लाख से ज्यादा की निकली थी।

रद्दी बेचकर पिता चलाता था परिवार
27 अगस्त, 2021 को पुलिस की छापेमारी के बाद आनंद के बारे में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। उसके पिता वीरने रक्षित पुरानी साइकिल लेकर रद्दी खरीदने और बेचने का काम करते थे। परिवार का नाम बीपीएल लाभार्थियों की सूची में दर्ज था, लेकिन कुछ ही साल के दौरान साइबर ठगी के माध्यम से वह करोड़ों का मालिक बन बैठा था। उसके खिलाफ बंगाल में छह साल पहले एक मामला दर्ज हुआ था। लाल बाजार न्यायालय कोलकाता से जमानत पर रिहा होने के बाद वह फिर से साइबर अपराध में लिप्त हो गया।

Follow The420.in on

 Telegram | Facebook | Twitter | LinkedIn | Instagram | YouTube

Continue Reading