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क्राइम

बच्चों को भी ठगी की ट्रेनिंग दे रहे जामताड़ा के साइबर अपराधी, 500 से अधिक बच्चे गैंग में शामिल, जानें

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देश ही नहीं विदेश में भी झारखंड के जामताड़ा का नाम साइबर ठगी के लिए बदनाम हो चुका है। आए दिन पुलिस ठगों को पकड़ने की कोशिश में यहां की चक्कर लगाती है। इसके बाद भी ठगी की वारदात थम नहीं रही हैं। यहां साइबर ठग इतने शातिर हैं कि रोज ठगी के नए-नए तरीके इजाद करते हैं। अब इन ठगों ने लोगों को चूना लगाने के लिए बच्चों को अपना हथियार बना लिया है। शातिर साइबर ठग बच्चों को ठगी के दलदल में धकेल रहे हैं। जिले के 500 से अधिक बच्चे इस अवैध पेशे से जुड़े हैं।

जानकारी के अनुसार, जिले के करमाटांड के 35 व नारायणपुर इलाके के 15 गांवों के लगभग 500 से अधिक बच्चे ऑनलाइन ठगी का काम कर रहे हैं। गत साल नवंबर में नारायणपुर के एक गांव से 15 साल के एक नाबालिग को पुलिस ने पकड़ा था। उसका पिता ही उससे ऑनलाइन ठगी करता है। पकड़े जाने के बाद पुलिस के ही होश उड़ गए थे। ऐसा इसलिए क्योंकि उसके पास से बरामद मोबाइल में अलग-अलग राज्यों के बैंक खाताधारकों को किए गए 15 हजार कॉल का डिटेल मिला था।

लाखों रुपये की ठगी में हैं लिप्त

बच्चे ने पुलिस को बताया था कि गिरोह का सरगना उड़ाई गई राशि का 40 फीसद देता था। वह खाताधारकों को झांसा देकर रकम उड़ाकर वॉलेट में डालने का काम करता था। ऐसे ही कुछ महीने पहले करमाटांड़ का 14 साल का नाबालिग पुलिस के गिरफ्त में आया था। वह भी ऐसे ही कॉल करके बैंक खाताधारकों को ठगता था। लड़के की आवाज एकदम लड़की की तरह है, ऐसे में उसे लोगों को झांसा देने में काफी आसानी होती थी। दोनों को दुमका बाल सुधार गृह भेजा गया। पुलिस को पूछताछ में दोनों ने बताया था कि अब तक दस लाख रुपये से अधिक का वह ठगी कर चुके हैं।

क्या अमीर-क्या गरीब, किसी को नहीं छोड़ते

कुछ महीने पहले मोहनपुर में एक साइबर अपराधी को पुलिस ने पकड़ा था। उसके साथ उसका नाबालिग बेटा भी साइबर अपराध में शामिल था। जामताड़ा के साइबर ठग इतने शातिर हैं कि गृह मंत्रालय के अधिकारी, बड़े अधिकारियों के रिश्तेदार, जज, पंजाब सीएम के करीबी तक को चूना लगा चुके हैं। छह साल पहले महज 14 साल के अंशु नाम के एक साइबर ठग ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार की पत्नी के ठगी कर लिया था