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क्राइम

सिस्टम ठीक करने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ही आपको चूना लगा रहे साइबर ठग, जानें कैसे

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सिस्टम ठीक करने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ही आपको चूना लगा रहे साइबर ठग, जानें कैसे

साइबर क्राइम के प्रति बढ़ती जागरूकता के साथ ही साइबर ठग (Cyber Fraud) तरीकों में बदलाव करने लगे है. जहां पहले फोन पर ओटीपी (OTP), बैंक डिटेल या फिर केवाईसी पूछकर साइबर क्रिमिनल (Cyber Criminal) लोगों को चूना लगा रहे थे. वह अब स्क्रीन शेयरिंग सॉफ्टवेयर (Screen Sharing Software) का इस्तेमाल करने लगे हैं. इन सॉफ्टवेयर का आईटी टीम सिस्टम में आ रही तकनीकी समस्याओं को ठीक करने में करती थी, लेकिन अब ठग इससे आपको चूना लगा रहे हैं.

अगर आप को भी कोई ठग स्क्रीन शेयरिंग की बात कहें तो थोड़ा संभल जाए. कहीं ऐसा न हो कि दूर बैठा शख्स मिनटों में आपका खाता खाली कर दे. 

साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि साइबरों ठगों का स्क्रीन शेयरिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर खाते से रुपये साफ करना इन दिनों ट्रेड में है. ठग स्क्रीन शेयरिंग ऐप जैसे एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट और टीम व्यूवर मोबाइल या लैपटॉप पर डाउनलोड कराकर पूरा एक्सेस ले लेते हैं.इसके बाद मिनटों में खाता खाली कर देते हैं. इन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल आईटी द्वारा तकनीकी समस्यओं को ठीक करने में लिया जाता था, लेकिन अब इसे ठगों ने अपना हथियार बना लिया है. अगर आप से कोई भी इन सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहें तो सतर्क हो जाए. उनकी बात मानने की जगह तुरंत इसकी शिकायत दें.

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ईमेल ब्लास्टिंग और साइबर फिशिंग का भी किया जा रहा इस्तेमाल

साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए ईमेल ब्लास्टिंग और साइबर फिशिंग का तरीका भी अपना रहे हैं. यह दोनों तरीकें साइबर ठगों की खास पसंदीदा ​ट्रिकों में से एक है. साइबर क्रिमिनल्स की इन दोनों ट्रिक में लोग आसानी से फंस भी जाते हैं. जाने कैसे करती है काम

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साइबर फिसिंग के जाल

इसमें ठग ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) करने वालों को आसानी से शिकार बना लेते हैं. अपराधी इंटरनेट पर शॉपिंग वेबसाइट (Shopping website) के हूबहू एक ​फिसिंग साइट (Fishing Site) तैयार करते हैं.इसके बाद आप को मैसेज भेजते हैं. मैसेज खाते से जुड़े होते हैं. इसमें कुछ जानकारी मांगी जाती है. असी के बाद आपका अकाउंट खाली हो जाता है. ऐसे में कभी भी वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले अच्छे से जांच कर लें.

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