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EPFO में 21 करोड़ के ‘महा-घोटाला’का मामला, मास्टरमाइंड चंदन कुमार सिन्हा समेत आठ लोगों को खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस

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EPFO में 21 करोड़ के ‘महा-घोटाला’का मामला, मास्टरमाइंड चंदन कुमार सिन्हा समेत आठ लोगों को खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मुंबई कार्यालय में तैनात आठ कर्मचारियों के खिलाफ कथित तौर पर एक कॉमन पीएफ पूल से 18.97 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी के मामले में केस दर्ज किया है।

CBI की प्राथमिकी के अनुसार, आठ आरोपियों में धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड, EPFO के कांदिवली कार्यालय में एक क्लर्क, चंदन कुमार सिन्हा शामिल हैं। इसके उसके वरिष्ठ अभिजीत ओनेकर, शिव शंकर ममदी, उत्तम तगारे, विजय जरपे, दिलीप राठौड़, गणेश घायवत और सीमा बांकर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ये सभी ईपीएफओ के एक ब्रांच में कार्यरत हैं।

CBI ने उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक कदाचार के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। सूत्रों ने कहा कि सिन्हा अगस्त 2021 में ईपीएफओ धोखाधड़ी सामने आने के बाद से फरार है।

अगस्त 2021 में जानकारी सामने आई थी कि 37 वर्षीय सिन्हा ने कथित तौर पर प्रवासी श्रमिकों के 817 बैंक खातों का इस्तेमाल करके उनकी ओर से कुल 21.5 करोड़ रुपये पीएफ का क्लेम अपने खातों में जमा किया। सिन्हा ने कथित तौर पर जरूरतमंद और ज्यादातर बेरोजगार प्रवासी श्रमिकों को 5,000 रुपये का कमीशन देकर सक्रिय बैंक खाते और आधार नंबर समने अन्य जानकारी प्राप्त किए। इसके बाद पीएफ अकाउंट खोला गया। ये अकाउंट 10-15 साल पहले बंद हो चुकी कंपनियों की थी, जो मुंबई में थी। 2014 से पहले के पुराने अकाउंट होने के चलते अनिवार्य यूएएन नंबर पैसे की निकासी के समय ही बनाया जाता है।

सिन्हा ने बाद में 17.32 करोड़ रुपये के कम से कम 592 ऐसे फेक क्लेम प्रॉसेस किया, जबकि उसके साथी वनकर ने कथित तौर पर 4.34 करोड़ रुपये के 156 क्लेम का निपटारा किया और पैसे की हेराफेरी की। इन दावों को तब शाखा के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अनुमोदित किया गया था।

EPFO के अनुसार उसे 2019 से 2021 के बीच मुंबई में 20 बंद हो चुकी कंपनियों के माध्यम से फ्रॉड सैटलमेंट के 833 मामलों का पता लगाया। सीबीआई की प्राथमिकी में नामित सभी आठ ईपीएफओ अधिकारियों को धोखाधड़ी में उनकी कथित संलिप्तता के लिए कार्यालय से हटा दिया गया है।

EPFO ने सीबीआई को दी अपनी शिकायत में कहा, “धोखाधड़ी करने वालों का तरीका फर्जी पीएफ खाते बनाना, प्रत्येक खाते की मदद से लगभग 2 लाख रुपये से 4 लाख रुपये के बीच क्रेडिट दिखाना और फर्जी क्लेम रिकर्ड करके इन खातों से राशि निकालना था। निवेश में नुकसान को ध्यान में रखते हुए नुकसान 18.97 करोड़ रुपये की मूल राशि से कई गुना ज्यादा है।”

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