क्राइम
QR Code भेजकर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार, लाखों रुपये बरामद
हरियाणा के जींद में साइबर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस अधीक्षक वसीम अकरम ने एएसपी नीतिश अग्रवाल की अगुवाई में साइबर अपराध शाखा तैयार की थी। इस टीम के इंचार्ज सोमवीर ढाका हैं। इस टीम ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह पर्दाफाश किया है और पांच लोग गिरफ्तार हुए हैं। इनके पास से दस बैंक खातों की कॉपी व दो लाख आठ हजार रुपये भी बरामद किए हैं।
एएसपी नितीश अग्रवाल ने बताया कि क्यूआर कोड भेजकर ठगी करने के आरोप में राजस्थान के भरतपुर जिला के चिचाबरी निवासी मुन्ना, टपुकड़ा निवासी अमजद, अभयपुर निवासी मुबारिक व झज्जर के भिंडावास निवासी अशोक, यूपी के हमीरपुर के माधा निवासी विजय को गिरफ्तार किया है। इनके पास से चार एटीएम व दस पासबुक भी बरामद हुई।
23 मई को जवाहर नगर के रहने वाले प्रवेश ने शहर थाना पुलिस को शिकायत करके बताया था कि उसके पास एक नंबर से किसी अज्ञात व्यक्ति की फोन आई थी। व्यक्ति ने उसके किसी जानकार का नाम लेकर उसके खाते में कुछ पैसे डालने की बात कही और एक क्यूआर कोड भेजा, जिसे ओपन करते ही उसके खाते से 44 हजार 998 रुपये कट गए।
पीड़ित ने जब उससे पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने उसकी कॉल ही रिसीव करनी बंद कर दी। इसके बाद इस मामले में शहर थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। पुलिस जांच में धोखाधड़ी के आरोप में मुन्ना, अमजद, मुबारिक, अशोक व विजय का नाम सामने आया। इनको पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया और तीन दिन के पुलिस रिमांड पर ले लिया।
पुलिस के अनुसार गिरोह को लगभग 10 लोग मिलकर चला रहे थे। इसमें से पांच लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि बाकि आरोपियों कि गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापामारी कर रही है। शीघ्र ही इनको गिरफ्तार होने की पुलिस को उम्मीद है। जिस खाते में जवाहर नगर निवासी प्रवेश के साथ ठगी कर पैसे डाले गए थे। उसकी डिटेल में अभी तक सामने आया है कि इस खाते में कुल पांच लाख रुपये का लेनेदेन हुआ है। इसके अलावा बाकि खातों में हुए लेनदेन की जांच पुलिस कर रही है।
पुलिस के अनुसार मानेसर कंपनी में काम करने वाले मजदूरों के खाते खुलवाकर विजय और अशोक इनको मुबारिक को बेचते थे। मुबारिक इन खातों में लोगों को ठगकर पैसे डलवाता था। वह इन लोगों से तीन से पांच हजार रुपये में बैंक खाता, एटीएम कार्ड खरीद लेता था। इसके बाद इन खातों को ठगी के खेल में प्रयोग करता था।