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क्राइम

12 के बच्चे की ऑनलाइन गेमिंग की लत पड़ी महंगी, माता-पिता को 19 लाख रुपये का लगा चूना

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12 के बच्चे की ऑनलाइन गेमिंग की लत पड़ी महंगी, माता-पिता को 19 लाख रुपये का लगा चूना

असम के एक 12 वर्षीय लड़के की ऑनलाइन गेमिंग की लत उसके माता-पिता को महंगी पड़ी। सातवीं कक्षा के छात्र ने अपने माता- पिता की मेहनत से कमाए गए 19 लाख रुपये को बर्बाद कर दिया। उसने एक ऑनलाइन गेम के लिए वर्चुअल गन और कार खरीदें। वह एक 20 वर्षीय व्यक्ति के जाल में फंस गया, जिससे वह गेमिंग प्लेटफॉर्म पर मिला था।

ऊपरी असम यहकी घटना पुलिस जांच के दौरान सामने आई। लड़के के पिता एक निजी कंपनी में ऊंचे पद पर कार्यरत हैं। पुलिस ने कहा कि बच्चे ने अपनी ऑनलाइन क्लास के लिए अपनी मां के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था।आनलाइन क्लास के बहाने वह घंटों ऑनलाइन गेम बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया खेलता था।

पुलिस के अनुसार वह गेमिंग प्लेटफॉर्म पर एक निपुरज गोगोई (20) और दो अन्य लोगों से उसकी पहचान हुई। गोगोई ने लड़के को विश्वास में लिया और उसके व्हाट्सएप और यूपीआई नंबर की जानकारी लेकर उसकी मां के बैंक खाते के बारे में जानकारी हासिल की।

पुलिस के अनुसार शुरुआत में आरोपी ने बच्चे को अपनी बातों में फंसाने के लिए वर्चुअल गन और अन्य सामान खरीदने में मदद की। बाद में बच्चे ने आरोपी की मदद से एक आईफोन समेत दो हाई-एंड स्मार्टफोन खरीदे।

पुलिस के अनुसार लड़के के माता-पिता को उस समय शक हुआ जब उन्होंने उसे दो महंगे फोन रखते हुए देखा। इसके बाद उन्हें बच्चे की मां के आईसीआईसीआई बैंक खाते से लगभग 19 लाख रुपये गायब होने का पता चला।

पुलिस ने बताया कि गोगोई नियमित रूप से खाते से पैसे ट्रांसफर करता था। वह लड़के से हर लेन-देन का ओटीपी (वन-टाइम-पासवर्ड) पता करता और उससे बैंक ट्रांजेक्शन से संबंधित संदेशों को डिलीट करा देता था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि माता-पिता को इसकी भनक न लगे। लड़के ने दो अन्य नाबालिगों को बंदूकें और खेल खेलने के लिए सामान खरीदने में भी मदद की थी। ऑनलाइन लेनदेन इस साल 4 अगस्त से 6 सितंबर तक जारी रहा।

पुलिस ने गोगोई और तीन नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया है। गोगोई को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। नाबालिगों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया।

पुलिस ने कहा कि हम जरूरत पड़ने पर आरोपी (गोगोई) की रिमांड की मांग कर सकते हैं। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि सारा पैसा कहां ट्रांसफर किया गया और क्या इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं। माता-पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखने की जरूरत है। खासकर इस महामारी के दौरान जब बच्चे ऑनलाइन क्लास के लिए स्मार्टफोन का उपयोग कर रहे हैं।

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