क्राइम
Cyber Crime क्या हैं? कितने प्रकार के होते है Cyber Crime

By Manish Singh in Azamgarh
साइबर अपराध क्या हैं:
साइबर अपराध एक गैर कानूनी कार्य है, जिसे इंटरनेट या डिजिटल माध्यमो की सहायता से अंजाम दिया जाता है| सामान्य शब्दों में इंटरनेट या किसी नेटवर्क और कंप्यूटर के माध्यम से होने वाले अपराध, साइबर अपराध की श्रेणी में आते है| हम अपने दैनिक जीवन में इंटरनेट का उपयोग अनुसंधान, वित्तीय लेनदेन, शिक्षा, नौकरी खोज, ऑनलाइन बुकिंग, व्यवसाय, खरीदारी, ब्लॉगिंग और मनोरंजन जैसी चीजों के लिए अपने लैपटॉप, मोबाइल और टैबलेट के माध्यम से करते हैं। इस इंटरनेट ने कई सुविधाओं के साथ-साथ कई प्रकार के अपराधों को भी बढ़ने का मौका दिया है|
साइबर अपराध के प्रकार:
साइबर स्टॉकिंग (Cyber Stalking) :-
इस प्रकार का अपराध मुख्य रूप से सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल साइट आदि के माध्यम से किया जाता है| इसके अंतर्गत अपराधी ऐसे लोगों को परेशान करते हैं, जिनमें या तो कोई छोटे बच्चे हो या फिर टीनएजर्स शामिल हो| उनके साथ अभद्र प्रकार की चैट करते हैं या फिर उन्हें उल्टी-सीधी पिक्चर्स भी भेजते हैं| ऐसे में बच्चों में अधिक समझदारी और जानकारी न होनें के कारण वह उसका शिकार हो जाते हैं और सामने वाला अपराधी उन्हें बार-बार अलग अलग आईडी से परेशान करता रहता है और उन्हें ब्लैकमेल करता है|
साइबर बुल्लिंग (Cyber Bulling):-
साइबर बुल्लिंग के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के प्रकरण देखने को मिलते हैं| अपराधी लड़के अलग-अलग जगहों की लड़कियों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती कर धीरे-धीरे मेलजोल बढ़ाने के बाद उनसे संबंध बनाने के लिए जिद करते हैं और अंत में राजी भी कर लेते हैं| अपराधी उनके कुछ अश्लील फोटो व वीडियोस बना लेते हैं, जिनके बाद उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं| इसके अतिरिक्त वह उन्हें यह धमकी देते हैं, कि वह उनकी यह तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर सकते हैं| ऐसे में पीड़िता डर जाती हैं और कोई गलत कदम भी उठा लेते हैं, इसे साइबर बुल्लिंग कहा जाता है|
साइबर स्पाइंग (Cyber Spying):-
साइबर स्पाइंग के अंतर्गत कुछ बड़े होटल के बाथरूम और कमरे के बेडरूम में चुपचाप तरीके से कुछ कैमरे लगा दिए जाते हैं| उन कैमरो में उन लड़कियों के कुछ अश्लील फोटो और वीडियो रिकॉर्ड कर लिए जाते हैं| ऐसा ही कुछ शॉपिंग मॉल या फिर कुछ गारमेंट की दुकानों पर भी किया जाता है, जहां पर लड़कियां ड्रेस चेंज करके अपनी फिटिंग चेक करती हैं| उनकी पिक्चर्स और वीडियोस लेकर उन लड़कियों को ब्लैकमेल किया जाता है, जो एक साइबर क्राइम का बहुत बड़ा दंडनीय अपराध है|
साइबर पोर्नोग्राफी (Cyber Pornography):-
इसके अंतर्गत इंटरनेट पोनोग्राफी तथा अश्लील वेबसाइटों को शामिल किया जाता है। इसके तहत अश्लील सामग्रियों का प्रसारण जैसे- अश्लील फोटो/विडियो भेजना, अश्लील साहित्य लिखना तथा अपलोड/डाउनलोड करना आदि शामिल है। इसमें Online sexual extortion, Honey Traps, Morphing Pic, Deep Fake आदि अपराध आते है|
हैकिंग (Hacking):-
जब कोई व्यक्ति किसी उद्देश्य के लिए आपके कंप्यूटर, नेटवर्क तथा सर्वर आदि में तकनीक या सॉफ्टवेयर के माध्यम से सिस्टम को अपने अनुसार उसमें संशोधन कर कर देता हैं, मॉडिफाई कर डाटा चुराता हैं या नष्ट कर देता हैं, यह प्रक्रिया हैकिंग कहलाती है| हैकिंग आज के समय में सायबर क्राइम का सबसे आम रूप है। इसका मकसद आमतौर पर फिरौती, किसी व्यक्ति की निजी जानकारियों में बिना अनुमति के दखल या किसी अवैध राजनीतिक उद्देश्य की प्राप्ति करना होता है।
एक ऐसी अवांछित गतिविधि जिसके माध्यम से अपराधी प्रकृति के व्यक्ति द्वारा कम्प्यूटर इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को ई-मेल या S.M.S भेजकर उन्हें अपने जाल में फंसाने का प्रयास किया जाता है और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को बहकावा देकर उनसे उनके बैंक अकाउंट, पिन नंबर तथा पासवर्ड आदि प्राप्त करने के प्रयास किए जाते हैं। यदि अपराधी अपने मकसद में कामयाब रहता है, तो वह उक्त व्यक्ति के बैंक अकाउंट से धन निकासी कर सकता है तथा उसे ब्लैकमेल भी कर सकता है।
विशिंग (Vishing):-
Vishing जालसाजी का एक तरीका है, जिसमें जालसाज फोन द्वारा आपकी personal information हासिल करके आपके account से पैसे खाली कर देते हैं। अगर आपको, Vishing के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नहीं है तो जालसाज इसका लाभ उठाकर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन जानकारियों में आपकी पर्सनल डिटेल जैसे bank user id, Login ID, Transaction password, OTP, Unique registration number, card pin, grid card value, CVV, Date of birthday etc. शामिल रहती हैं।
स्पैमिंग (Spamming):-
इसका अर्थ है किसी व्यक्ति के E-mail Account में बिना उसकी सहमति के अवांछित ईमेल भेजना। इससे बचने के लिए Spamnet तथा Spam Filter जैसे कुछ प्रोग्राम बनाए गए हैं। हालांकि स्पैमिंग को पूरी तरह से रोकना एक जटिल कार्य है।
पासवर्ड क्रैकिंग (Cracking):-
पासवर्ड क्रैकिंग/क्रॉसिंग इसका अर्थ है बार-बार प्रयास करके या चुराकर किसी व्यक्ति के ई-मेल या इंटरनेट एकाउण्ट के पासवर्ड को अपने नियंत्रण में ले लेना। इससे बचने के लिए हाल ही में एक नई तकनीक Fingerprint Reader का इस्तेमाल किया गया है, जो वास्तविक मालिक के अतिरिक्त किसी दूसरे व्यक्ति को एकाउण्ट में प्रवेश नहीं करने देता।
सलामी हमला (Salami Techniques): –
इसके माध्यम से साइबर अपराधी द्वारा बैंकों के खाता धारकों के खाते से धन निकासी (प्राय: बहुत ही मामूली रकम के उद्देश्य से बैंक की कम्प्यूटर प्रणाली में एक ऐसे अवांछित प्रोग्राम को डाल दिया जाता है, जिससे खाताधारकों के खाते से कुछ रकम उक्त अपराधी के खाते में हस्तांतरित हो जाती है तथा खाताधारक को इसके संबंध में पता ही नहीं चल पाता है)। सलामी हमला एक प्रकार का आर्थिक अपराध है।
डाटा डिडलिंग (Data Diddling):-
यह एक ऐसी गतिविधि है, जिसके माध्यम से पहले तो डाटा को कम्प्यूटर पर प्रोसेस होने से पूर्व ही परिवर्तित कर दिया जाता है और तत्पश्चात् कम्प्यूटर प्रोसेस होने के बाद डाटा को वास्तविक रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है।
स्पूफिंग ( Spoofing): –
साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए जालसाज Email Spoofing, Call Spoofing, Web Spoofing का इस्तेमाल कर रहे है। इसे चकमा देना भी कहा जा सकता है, क्योंकि इसके अंतर्गत होता यह है कि किसी कम्प्यूटर उपयोगकर्ता से बदला लेने या उसे परेशान करने के उद्देश्य से किसी अन्य व्यक्ति के पते से उक्त व्यक्ति (जिसे परेशान करना है) को ई-मेल भेजा या कॉल किया जाता है।
ई-मेल बॉम्बिंग (Email-Bombing):-
ई-मेल बॉम्बिंग का अर्थ है पीड़ित को बड़ी संख्या में मेल भेजना होता है जो एक दुर्भावनापूर्ण(malicious) कार्य है जिसमें बड़ी संख्या में ईमेल संदेश(email message) एक ही ईमेल पते(email address) पर थोड़े समय में भेजे जाते हैं। ईमेल बम का उद्देश्य आमतौर पर उपयोगकर्ता के इनबॉक्स को ओवरफ्लो करना है। कुछ मामलों में, यह मेल सर्वर को अनुत्तरदायी(Unresponsive) भी बना देगा।
ट्रोजन/वायरस हमला (Trojan/Virus Attack):-
ट्रोजन एक अनधिकृत प्रोग्राम है जो दूसरे के सिस्टम पर नियंत्रण हासिल करता है। मैलवेयर/वायरस कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार किया जाने वाला एक प्रकार का सॉफ़्टवेयर है. मैलवेयर आपके कंप्यूटर से संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है, धीरे-धीरे आपके कंप्यूटर को धीमा कर सकता है या आपकी जानकारी के बिना आपके ईमेल खाते से जाली ईमेल भी भेज सकता है.
DoS हमला:-
सामान्य तौर पर इसका उद्देश्य सिस्टम को क्रैश करना है। यह टारगेट नेटवर्क या साइट को फर्जी सिस्टम रिक्वेस्ट के साथ ओवरलोड करके, वैध यूजर्स को इसे एक्सेस करने से रोकता है, कभी-कभी सिस्टम को दुर्घटनाग्रस्त या क्षतिग्रस्त करता है। DoS के हमले कुछ घंटों से लेकर कई महीनों तक हो सकते हैं।
साइबर मानहानि (Cyber Defamation):-
कोई भी अपमानजनक बयान जिसका उद्देश्य किसी वेब साइट पर किसी व्यक्ति के नाम या प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना या किसी अन्य व्यक्ति को मानहानिकारक जानकारी वाला ई-मेल भेजना साइबर मानहानि का अपराध है।
कॉपीराइट साइबर अपराध (Copyright Crime):-
कॉपीराइट के मूल स्वामी की बेईमानी से की जाने वाली नकल से रक्षा करना है और अवैध लाभ प्राप्त करने की मंशा पर रोक लगाना है। डिजिटलीकरण और इंटरनेट के विस्फोट से संगीत, ग्राफिक्स/चित्र, किताबें, फिल्में व्यापार-सीक्रेट, व्यापार-चिह्न, कंप्यूटर स्रोत कोड की चोरी आदि की प्रतिलिपि बनाने और अवैध रूप से वितरित होते है| यह कॉपीराइट अधिकार के तहत दंडनीय अपराध है।
क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड (Crypto currency Fraud):-
क्रिप्टो करेंसी अचानक से लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो गई और शातिर ठग लोगों को लुभावने सपने दिखाकर और लालच देकर अपने जाल में फंसा रहे हैं और एक ऐसी दुनिया में निवेश करवा रहे हैं जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है. ठग गिरोह की ओर से सोशल मीडिया पर बनाये ग्रुप में लोगों को जोड़कर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की बात कही जाती है. ठग गिरोह की ओर से ही बनाये गये एक सॉफ्टवेयर का लिंक दिया जाता है, जिसे डाउनलोड करके व्यक्ति उसमें धनराशी निवेश करता है. निवेश के बाद कस्टमर को अपने अकाउंट में रुपये डॉलर में दिखने लगते है।
साइबर आतंकवाद (Cyber terrorism):-
साइबर आतंकवाद को “कंप्यूटर या संचार नेटवर्क का उपयोग करते हुए एक साइबर हमला जो देश में अशांति, अराजकता फैला कर किसी दूसरे देश या विदेशी गुट को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाता है। ऐसा अपराध करने का षड्यंत्र भी अपराध है। आज रेलवे, एयरलाइंस, बैंक, स्टॉक मार्केट, हॉस्पिटल के अलावा सामान्य जनजीवन से जुड़ी हुई सभी सेवाएं कम्प्यूटर नेटवर्क के साथ जुडी हैं, इनमें से तो कई पूरी तरह से इंटरनेट पर ही आश्रित हैं, यदि इनके नेटवर्क के साथ छेड़-छाड़ की गयी, तो इसके परिणाम बहुत खतरनाक हो सकते है।
साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन न० 155260 या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायत रजिस्टर करे |

-मनीष सिंह, साइबर क्राइम थाना आजमगढ़