क्राइम
गाजा से गाजियाबाद: ठगों ने All Eyes on Rafah को ही बना लिया ठगी का हथियार
आज के इस डिजिटल युग में स्कैमर्स लोगों को चूना लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। गाजा में मानवीय संकट की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए वायरल ‘ऑल आईज ऑन राफा’ (All Eyes on Rafah) अभियान को ही ऑनलाइन ठगी का जारिया बना लिया। आंदोलन में योगदान देने की उत्सुकता में, शायद ही लोगों को यह एहसास हो कि उनका पैसा गाजा नहीं जा रहा है, बल्कि गाजियाबाद या अन्य जगहों पर जा सकता है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने गाजा को लेकर फर्जी पोस्ट और अकाउंट में उल्लेखनीय वृद्धि की जानकारी दी है फिशिंग के मामलों में उछाल देखने को मिली है। एजेंसियों को नकली चैरिटी के बारे में खूब शिकायत मिल रही हैं। बेंगलुरु के 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर पेशेवर ऐसे ही ठगी का शिकार हुआ है। प्रभावित बच्चों की भयावह तस्वीरें देखने के बाद मदद करने की इच्छा से उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक चैरिटी लिंक की तरह दिखने वाले UPI ट्रांसफर के माध्यम से 10,000 रुपये दान किए। उन्हें रिसीप्ट नहीं मिलने और फोन नंबर पर कॉन्टैक्ट न हो पाने पर उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है।
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बेंगलुरु के इस शख्स ने माना कि उमेश यादव नाम के किसी व्यक्ति को यूपीआई भुगतान करने से पहले सतर्क रहना चाहिए था, लेकिन वह भावनाओं में इतने डूब गए कि वह कुछ सोच नहीं पाए। उन्होंने कहा, “दुख रुपया गंवाने का नहीं है बल्कि इस बात से है कि यह गाजा में किसी की मदद करने के बजाय एक ठग के पास चला गया।”
गाजा से जुड़े आम स्कैम में फर्जी वेबसाइट, फिशिंग ईमेल, फर्जी क्रिप्टोकरेंसी लिंक और सोशल मीडिया स्कैम शामिल हैं। ठग प्रतिष्ठित सहायता संगठनों से मिलता जुलता वेबसाइट बनाते हैं। फिशिंग ईमेल का इस्तेमाल करके फर्जी साइट पर ले जाने वाले फर्जी वीडियो लिंक प्रसारित करते हैं।
गाजा की स्थिति की भावनात्मक अपील से ठगों को लोगों की भावना का फायदा उठाने में मदद मिलती है। ‘ऑल आइज ऑन राफा’ आंदोलन को सिर्फ 24 घंटों में इंस्टाग्राम पर 34 मिलियन से ज्यादा शेयर किया। इस तस्वीर को प्रभावशाली लोगों और मशहूर हस्तियों ने व्यापक रूप से शेयर किया है। इसमें आलिया भट्ट, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर जैसी प्रमुख भारतीय अभिनेत्रियां शामिल हैं। इसे साइबर ठगों ने ठगी का हथियार बना लिया।
इस बीच सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टूल ने पाया है कि आंदोलन के जोर पकड़ने के बाद से घोटाले से जुड़ी कंटेंट में 40% की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि वैध सहायता संगठनों से होने का दावा करने वाले फिशिंग ईमेल में 60% की वृद्धि हुई है। अमेरिका स्थित बेटर बिजनेस ब्यूरो ने तीन महीने की अवधि के भीतर फर्जी चैरिटी शिकायतों में 35% की वृद्धि देखी।