क्राइम
साइबर ठगों को खाते उपलब्ध करा रहा था बैंक मैनेजर, मुंबई से Yes Bank का Deputy Manager गिरफ्तार
Cyber Criminals को पैसे लेकर खाते उपलब्ध कराने के मामले में गुरुग्राम पुलिस ने येस बैंक (Yes Bank) के डिप्टी मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी क्रिप्टो मार्केट (Crypto Market) में निवेश के नाम पर साइबर ठगी के मामले में हुई है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि गिरफ्तार Deputy Manager ने साइबर क्रिमिनल्स को अब तक पांच बैंक खाता उपलब्ध कराए थे। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत(Judicial Custody) में भेज दिया गया है।
फर्जी तरीके से खोले गए थे खाते, 19 लाख रुपये किए ट्रांसफर
गिरफ्तार आरोपी यूसुफ मोहम्मद चांद शेख Mumbai स्थित यस बैंक में Deputy Manager के पद पर कार्यरत है। ACP, Cyber Cell प्रियांशु दीवान ने बताया कि फर्जी वेबसाइट (Fake Website) के माध्यम से क्रिप्टो मार्केट(Crypto Market) में निवेश कराकर 45 लाख रुपये की ठगी करने के मामले की जांच की जा रही थी। इस मामले में साइबर थाने में मुकदमा पंजीकृत(FIR) था। पुलिस टीम की जांच में सामने आया कि ठगी के लिए इस्तेमाल बैंक खाता फर्जी तरीके से खोला गया है। फिर जांच में यस बैंक(Yes Bank) के कर्मचारियों को भी शामिल किया गया। जिसके बाद फर्जी खाता खोलने वाला बैंककर्मी गिरफ्त में आ गया। आरोपी की पहचान यूसुफ मोहम्मद चांद शेख निवासी भक्ति योग सोसाइटी संघर्ष नगर, अंधेरी, मुंबई के रूप में हुई। आरोपी से पुलिस पूछताछ में बताया कि आरोपी यस बैंक, मुंबई में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत है। आरोपी ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए फर्जी तरीके से बैंक खाता खोलकर साइबर ठगों को उपलब्ध करवाया था। जिसमे Cyber Criminals ने धोखाधड़ी करके 19 लाख रुपये ट्रांसफर कराए थे। आरोपी अभी तक 5 बैंक खाते साइबर ठगों को उपलब्ध करा चुका है। इस मामले में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं गुरुग्राम पुलिस ने साइबर फ्रॉड के मामलों में पिछले दो महीने में 12 बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
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Cyber Criminals को बैंक खाता उपलब्ध कराने में बैंक की भूमिका रही है संदिग्ध
Cyber Crime के मामले में साइबर क्रिमिनल्स की भूमिका तो सबसे अहम रहती ही है। इसके साथ ही बैंक कर्मचारियों का अधिकारियों की भूमिका भी समय-समय पर सामने आई है। इसमें एक तरफ Cyber Criminals फर्जी तरीके से खाता खोलने के लिए बैंक कर्मचारियों को रकम देते हैं तो दूसरी तरफ बैंक कर्मचारी व अधिकारियों को अपना टारगेट पूरा करना होता है। इस तरह बैंक कर्मचारी व अधिकारियों को दो तरीके से फायदा मिल जाता है।