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क्राइम

स्कूल ड्रॉपआउट और फर्टादार अंग्रेजी, बिहार में बैठे नितीश कुमार ने ‘स्टेफनी’ बनकर विदेश में की ठगी

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार में बैठकर विदेश में ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गैंग के अधिकतर सदस्य स्कूल ड्रॉपआउट हैं, लेकिन फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। ब्रिटिश और आयरिश एक्‍सेंट में बात करते हैं। गैंग ने ब्रिटेन और आयरलैंड के लोगों को निशाना बनाया। उनका फोन या कंप्यूटर का रिमोट एक्‍सेस लेकर बैंक अकाउंट खाली कर देते। आयरिश महिला की धोखाधड़ी की शिकायत के बाद गैंग की पोल खुली।

महिला को ‘स्‍टेफनी’ नाम से फोन आया था। मामला सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI)से होते हुए ईडी के पास आया। ED ने जांच शुरू की तो कड़ियां पटना के गेस्ट हाउस तक पहुंची। वहां ‘स्‍टेफनी’ मिला। आरोपी कोई लड़की नहीं, नितीश कुमार नाम का लड़का था। कई जगहों पर छापेमारी हुई। गैंग का सरगना पकड़ा गया।

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महिला को फर्जीवाड़े का जरा भी शक नहीं

आयरिश महिला को बीते साल स्टेफनी का फोन आया। उसने कहा कि वह आयरलैंड में ब्रॉडबैंड सर्विस देने वाले इरकॉम टेलीकॉम (Eircom Telecom) से बात कर रही है। ‘स्‍टेफनी’ ने आयरिश लहजे में बात की और महिला को फर्जीवाड़े का जरा भी शक नहीं हुआ। उसे बातों में उलझाकर बैंक अकाउंट खाली कर दिया गया।

ईडी ने अक्टूबर 2023 में जांच शुरू की

आयरिश महिला ने अपने यहां शिकायत दी। शुरुआती जांच के बाद पता चला कि ठगी भारत से अंजाम दी गई है तो सीबीआई को खबर दी गई। सीबीआई ने मामला ईडी को रेफर किया। ईडी ने अक्टूबर 2023 में जांच शुरू की। उसने विदेश में केस दर्ज होने के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA)के तहत मुकदमा दर्ज किया।

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44 लोगों को शिकार बनाया

ईडी जांच करते-करते पटना के एक गेस्ट हाउस पहुंची। यहां 18 दिसंबर तक रेड मारी गई तो नितीश कुमार हत्थे चढ़ा। वह खिड़की से कूदकर भागने की कोशिश में था। कुमार के पास से मिले मोबाइल फोन सीज कर लिए गए। उसने कबूला कि उसी ने ‘स्‍टेफनी’ बनकर आयरिश महिला को फोन किया था। नितीश और उसके दर्जन भर साथियों ने ब्रिटेन और आयरलैंड के कम से कम 44 लोगों को शिकार बनाया है।

विदेश में भी सहयोगी

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी को ठगी में विदेशी सहयोगियों की मिलीभगत के भी सबूत मिले हैं। पटना के बाद पश्चिम बंगाल के खड़गपुर और कोलकाता के ठिकानों पर भी छापेमारी हुई। 70 सीट वाले कॉल सेंटर का पता चला। तलाशी के दौरान आईपी टेलीफोन और हेडफोन वाले 70 कंप्यूटर बरामद हुए। गैंग ने कम से कम 40 लोगों को छगा। सरगना सागर यादव को खड़गपुर से पकड़ा गया। वह दो-दो कॉल सेंटर चलाता था। सागर के ठिकाने से पांच लैपटॉप, 16 मोबाइल फोन, 56 क्रेडिट/डेबिट कार्ड और लगभग 2 करोड़ रुपये कैश मिला। साथ ही 69 बैंक खातों की जानकारी मिली। ईडी ने खातों में जमा 2.8 करोड़ रुपये सीज कर लिए। कुमार और यादव के अलावा एक और व्यक्ति गिरफ्तार हुआ है।

ठगी का तरीका

ईडी के मुताबिक शिकार लोगों का फोन/कंप्यूटर अपने कंट्रोल में लेते। इसके बाद बैंक खातों का कंट्रोल अपने डिवाइस लेते थे। इसके बाद शिकार के खातों में जमा रकम विदेशों में बैठे अपने सहयोगियों को ट्रांसफर की जाती। वे पूरी रकम निकाल लेते और फिर वेस्टर्न यूनियन और मनीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए भारत भेज देते। ठगी का पैसा अपने खातों में आने के बाद निकाल लिया जाता।

 

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