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क्राइम

झारखंड : प्रतिबिंब ऐप से टूटी जामताड़ा जैसे ठगों की कमर, साइबर अपराध पर नकेल कसने में पुलिस को ऐसे कर रहा मदद

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झारखंड में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने और उन्हें दबोचने में पुलिस के लिए प्रतिबिंब ऐप काफी मददगार साबित हो रहा है। इस ऐप के आने के बाद से जामताड़ा टाइप साइबर अपराधी लगातार दबोचे जा रहे हैं। इसने साइबर अपराधियों की कमर तोड़कर रख दी है। 200 से ज्यादा अपराधी पकड़े जा चुके हैं। अपराधी गांव-घर से बाहर निकल ठिकाना बदल रहे हैं, लेकिन प्रतिबिंब ऐप की मदद से पुलिस की गिरफ्त में आ रहे हैं।

दूसरों को फांसकर ठगी करने वाले साइबर अपराधी खुद पुलिस के शिकंजे में फंस रहे हैं और जेल की हवा खा रहे हैं। गिरिडीह में ऐप की मदद से साइबर अपराधियों के सफाए को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चल रही है। पुलिस लगातार साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

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नए-नए हथकंडे से ठगी करते हैं साइबर अपराधी

साइबर अपराधी पिछले एक दशक से लोगों को ठगने के लिए अनगिनत तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह ठगी के लिए रोज नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। बैंक अकाउंट का केवाईसी कराने से लेकर फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ठगी करने का काम बहुत आगे निकल चुका है। फिलहाल वे सरकार से धान बिक्री की राशि दिलाने के नाम पर ठगी की योजना का खाका खींच रह थे, जिसका भंडाफोड़ हुआ है।

साइबर अपराधियों की नई चाल

साइबर अपराध में पकड़े गए अपराधियों ने नए तरीके का इस्तेमाल करके लोगों को लालच देकर उन्हें भी साइबर अपराध से जोड़ने में जुटे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के मासूम लोगों आधार कार्ड की मदद से से बैंक या पोस्ट आफिस में खाता खुलवा रखा है। इसके एवज में साइबर अपराधी उन्हें एक मोटी रकम भी दे देते हैं और उनका पासबुक व एटीएम कार्ड अपने पास रखते हैं।

भोले-भाले गांव के लोग लालच में फंस रहे

साइबर फ्रॉड ठगी की रकम को उसी खाते में ट्रांसफर कराते हुए एटीएम से निकालने का काम करते हैं। भोले-भाले गांव के लोग साइबर अपराधियों के इस जाल में भी मामूली लालच में फंस रहे हैं। बाद में उन्हें नोटिस भी मिल रहा हे। साइबर अपराध के मामले में पुलिस की टीम ने पिछले पांच माह में जिले से 212 अपराधियों को दबोचकर जेल भेज चुकी है। वहीं इनके पास से 510 एंड्रायड मोबाइल, 678 सिम कार्ड, 237 पासबुक व एटीएम कार्ड, 10 चेकबुक, 35 पैन कार्ड, 44 आधार कार्ड, 38 बड़े व छोटे वाहन, तीन आइ पैड, तीन लैपटाप व 14, 56, 310 रुपये बरामद हुए हैं।

साइबर अपराध को छोड़ दें या जेल जाने को तैयार रहें

पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा के अनुसार गिरिडीह के लोगों की मेहनत की कमाई को साइबर ठगों को लूटने नहीं दिया जाएगा। ऐसे में जिले के किसी भी क्षेत्र में साइबर अपराधी सक्रिय रहेंगे उन्हें दबोचा जाएगा। किसी भी हाल में ऐसा अपराध नहीं होगा। वह इस मुगालते में न रहें कि पुलिस की गिरफ्त में नहीं आएंगे। उन्हें नसीहत है कि या तो वे साइबर अपराध को छोड़ दें या जेल जाने को तैयार रहें।

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क्या है प्रतिबिंब ऐप

प्रतिबिम्ब ऐप साइबर पुलिस को अपराधियों के लोकेशन का पता लगाने में मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी तुरंत गिरफ्तारी होती है। 8 नवंबर 2023 को यह ऐप लॉन्च किया गया। ठगी के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर की मदद से ठगों के ठिकाने का पता लगाने में पुलिस को मदद मिल रही है।

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