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क्राइम

रिटायर्ड IAF ऑफिसर को कैसे वापस मिले 1.3 करोड़, स्टॉक ट्रेडिंग के नाम पर ठगी, बैंक कर्मचारी से लेकर रिक्शा चालक तक थे शामिल

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दिल्ली पुलिस ने एक जटिल ऑपरेशन को अंजाम देकर साइबर ठगों से गुरुग्राम के 82 साल के रिटायर्ड एयरफोर्स ऑफिसर के 1.3 करोड़ रुपये वापस दिला दिए हैं। इस साइबर फ्रॉड में बैक कर्मचारी से लेकर मजदूर और रिक्शा चालक तक शामिल थे। बीते फरवरी में रिटायर्ड ऑफिसर से जब साइबर ठगों ने शेयर बाजार में हाई रिटर्न का झांसा देकर ठगा था। पुलिस ने इस मामले में दिल्ली के रोहिणी से यस बैंक के दो सेल्स ऑफिसर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है।

इन्होंने कथित तौर पर समन्वयकों में से एक सूरज को बैंक अकाउंट के एक्सेस करने में मदद की। वह फरीदाबाद का एक बेरोजगार व्यक्ति है। वह पहले भ गिरफ्तार हो चुका है। वह दुबई के कुछ साइबर अपराधियों के लिए काम करता है, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

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खाते के बदले कमीशन

मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अन्य लोग वे हैं, जिन्होंने बैंक कर्मचारियों को साइबर अपराधियों द्वारा लेनदेन के लिए अपने खाते के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। इसके बदले में उन्होंने कमीशन लिया। फरवरी में डीएलएफ-2 में रहने वाले रिटायर्ड आईएएफ अधिकारी जय प्रकाश टांक ने साइबर अपराध (पूर्व) पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई कि एक गिरोह से 1.3 करोड़ रुपये ठग लिए हैं।

ट्रेडिंग में हाई रिटर्न का लालच

इसने उन्हें स्टॉक ट्रेडिंग के लिए हाई रिटर्न की पेशकश की थी। टांक ने कहा कि उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया था, जिस पर अन्य यूजर्स ने निवेश के लिए बढ़िया-बढ़िया कमेंट करते थे। इस 84 वर्षीय व्यक्ति को शुरू में हाई रिटर्न मिला और उसे निवेश जारी रखने के लिए राजी किया गया। जब तक उसे धोखाधड़ी का पता चला वह पैसे खो चुका था। गिरोह के सदस्यों ने बातचीत बंद कर दी थी।

मजदूर के खाते में रकम ट्रांसफर कराई गई

आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। शुरुआती जांच में पुलिस को रोहिणी में इंडसइंड बैंक के एक खाते का पता चला। दिल्ली के बवाना में रहने वाले एक मजदूर प्रकाश के इस खाते को फ्रीज कर दिया गया और इसमें ट्रांसफर किए गए 10 लाख रुपये वापस ले लिए गए।

प्रकाश को धर्मेंद्र और दीपक से 25,000 रुपये मिले थे

प्रकाश को 9 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और उसने पुलिस को बताया कि उसने यस बैंक के दो कर्मचारियों धर्मेंद्र और दीपक से 25,000 रुपये लिए थे। उन्होंने उसे अपने खाते की जानकारी देने के लिए मना लिया था। बाद में दोनों को 12 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया। एसीपी (साइबर क्राइम) प्रियांशु दीवान ने बुधवार को बताया, “ठगों को बैंक खातों का एक्सेस देने के लिए दोनों बैंक अधिकारियों को 1.6 लाख रुपये मिले थे। उन्होंने प्रकाश को इसमें से कुछ राशि दी।”

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पिंकी के बैंक खाते से 42 लाख रुपये बरामद

इसी तरह साइबर ठगों द्वारा अन्य बैंक खातों में लेनदेन के कारण पुलिस को पिंकी, उसके पति विकास और उनकी दोस्त पूजा को गिरफ्तार करना पड़ा। एसीपी ने बताया, “पिंकी के बैंक खाते से 42 लाख रुपये बरामद हुए थे। दिल्ली के सुल्तानपुरी की रहने वाली पिंकी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसने अपने रिक्शा चालक पति विकास और जैन नगर में रहने वाली विधवा पूजा की संलिप्तता कबूल कर ली।”

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के बैंक खातों में भेजे गए थे पैसे

ये तीनों यस बैंक के दीपक के संपर्क में थे। इसके बाद सूरज को पकड़ा गया। शेष 80 लाख रुपये आईडीएफसी बैंक की आनंद विहार शाखा, मध्य प्रदेश और नासिक (महाराष्ट्र) में इंडसइंड बैंक के खातों और गुजरात के सूरत में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते से बरामद किए गए। पुलिस अन्य बैंक खाताधारकों की भूमिका की जांच कर रही है। डीसीपी (साइबर क्राइम) सिद्धांत जैन ने कहा, “हमारी टीम बैंकों के साथ समन्वय स्थापित करने में कामयाब रही और खोई हुई पूरी रकम अदालत के माध्यम से शिकायतकर्ता को वापस कर दी गई।

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