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क्या है Pig Butchering Scam, क्रिप्टो में निवेश का लालच देकर लोगों से हो रही ठगी; जानें बचाव का तरीका

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ऑनलाइन फ्रॉड में वृद्धि के बीच पिग बुचरिंग स्कैम (Pig Butchering Scam) को समझना आवश्यक है। पिग यानी सुअर को काटने से पहले उसे खूब खिलाया-पिलाया जाता है, ताकि वह हट्टा-कट्टा हो जाए। इसी तरह स्कैमर भी लोगों को चूना लगाने से पहले उन्हें मुनाफा दिलाते हैं। फिर जब लोग लालच में बड़ा दांव चलते हैं तो उन्हें ठग लिया जाता है। पिग बुचरिंग स्कैम एक भ्रामक स्कीम है। इसमें व्यक्ति (शिकार) को धीरे-धीरे ज्यादा पैसा निवेश करने के लिए बहलाया जाता है। इसके लिए आमतौर पर स्कैमर्स क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करते हैं।

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पिग बुचरिंग स्कैम तेजी से बढ़ रहा है। स्कैमर्स बड़ी रकम इकट्ठा करने के बाद गायब हो जाते हैं। क्रिप्टो स्पेस में इन्वेस्टमेंट का रिटर्न कितना मिलेगा इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। स्कैमर्स इसी का फायदा उठाते हैं। निवेशक बहुत अधिक रिटर्न की उम्मीद करते हैं ठग उनकी की भावनाओं से खेलते हैं। उन्हें मोटे रिटर्न की झांसे में फंसाते हैं। नकली प्लेटफॉर्म पर निवेश कर देते हैं।

कैसे होता पिग बुचरिंग स्कैम

इस स्कैम की शुरुआत “होस्ट” द्वारा सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स या भ्रामक मैसेज के माध्यम से लोगों से ऑनलाइन संपर्क करने से शुरू होता है।

एक बार जब उन्हें एक टारगेट (पिग) मिल जाता है, तो होस्ट दोस्त बनने की कोशिश करता है और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में रुचि लेने के लिए बगरलाता है।

धोखाधड़ी वाले ट्रेडिंग ऐप का उपयोग करके, होस्ट पीड़ित को यह विश्वास दिलाकर ठगता देता है कि वे ट्रेड्स से मुनाफा कमा रहे हैं। ये ट्रेड्स मनगढ़ंत होते हैं।

जैसे-जैसे लोगों का उन पर भरोसा बढ़ता है, होस्ट उन्हें और अधिक पैसा निवेश करने के लिए राजी करता है, इस रणनीति को स्कैम का खुलासा होने से पहले “सुअर को मोटा करना” (fattening the pig) कहा जाता है।

जब पीड़ित अपनी धनराशि निकालने का प्रयास करते हैं, तो फर्जी प्लेटफॉर्म या तो बहाने बनाता है या पर्याप्त फीस लगाता है, जिससे अंततः स्कैम उजागर हो जाता है। ब्लॉकचेन लेनदेन की प्रकृति के कारण खोई हुई धनराशि को फिर प्राप्त करना बहुत कठिन है।

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बचाव का तरीका

  • अनजान लोगों के वाॅट्सऐप और सोशल मीडिया पर आए मैसेज को जवाब ना दें।
  • अगर कोई आपसे नया एप या लिंक खोलने को कहता है तो ऐसा न करें।
  • कोई परेशानी या शक होने पर नजदीकी पुलिस से संपर्क करें।
  • इस तरह के स्कैम में स्कैमर्स यूजर्स के लालच और डर का फायदा उठाते हैं। किसी भी काम को जल्दबाजी में ना करें।
  • कभी भी अपनी निजी जानकारी जैसे आधार, पासपोर्ट, बैंक डिटेल्स शेयर न करें.

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