देश में तेजी से बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ ही साइबर अपराध भी दोगुनी तेजी से बढ़ रहा है। इतना ही नहीं साइबर अपराधी अब क्राइम पर अंकुश लगाने वाले अधिकारियों के नाम पर ही फ्रॉड करने में जुट गये हैं। ताजा मामला झारखंड से सामने आया है। जहां ऑनलाइन ठगी में शातिर साइबर ठगों ने कलेक्टर से लेकर जिले के दूसरे अधिकारियों को अपने निशाने पर ले लिया।
ठग कलेक्टर से लेकर जिले के अन्य अधिकारियों के फर्जी प्रोफाइल तैयार कर लोों से उनके व्हॉट्सऐप (WhatsApp) और मैसेजर (Messenger) पर संपर्क कर गिफ्ट और पैसों की मांग कर रहे हैं। इस तरह से ठगी के कई लोग इनके शिकार भी हो चुके हैं।
वहीं कलेक्टर ने मामले का पता लगते ही जिले के सभी अधिकारियों से लेकर दूसरे गणमान्यों से सतर्क रहने की सलाह दी है। आप को बता दें कि यह पहली बार नहीं जब ठगों ऐसी ट्रीक अपनाई हो। हरियाणा से लेकर चंडीगढ़ के अधिकारियों के नाम पर भी साइबर ठग ठगी कर चुके हैं।
दरअसल, हाल ही में झारखंड के पाकुड़ जिले में तैनात कलेक्टर की तस्वीरों और नाम का इस्तेमाल कर साइबर ठगों ने सोशल मीडिया पर एक फर्जी प्रोफाइल तैया कर दी। इसके बाद ठगों ने उनकी इस आईडी से लोगों को ठगे जाने की कोशिश की। इसकी पुष्टी खुद पाकुड़ जिलाधिकारी कार्यालय से की गई है।
उन्होंने बताया कि जिले के डीसी वरुण रंजन ने बताया कि उनका फर्जी प्रोफाइल तैयार किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने शहर में सभी वर्ग के लोगों जानकारों और पदाधिकारियों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया अगर कोई भी उनके किसी भी प्रोफाइल से गिफ्ट या पैसे मांगे तो उसे भूलकर भी कुछ न दें। इसकी शिकायत तुरंत दें।
पता लगते ही जांच में जुटी साइबर पुलिस
साइबर ठगों की हरकत का पता लगाते ही जिले की साइबर सेल भी हरकत में आ गई। साइबर पुलिस ने बताया कि जिला कलेक्टर की तस्वीर लगाकर एक फर्जी आईडी बनाकर ठगी की कोशिश की गई थी। इसकी खबर मिलते ही पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर साइबर ठगों का पता लगाने में जुट गई है। वहीं पुलिस ने एक नंबर भी रिकवर कर लिया है। जिस पर व्हॉट्सऐप लगाकर ठग जिलाधिकारी की डीपी लगाकर लोगों से रुपये और गिफ्ट की मांग कर रहे थे। साथ ही कॉल कर लोगों व अधिकारियों से संपर्क साध रहे थे। पुलिस आरोपियों को पता लगाने में जुटी है।
हजारीबाग की जिलाधिकारी को भी बन चुकी हैं साइबर क्राइम का शिकार
झारखंड के पाकुड़ जिले के पास ही हजारीबाग स्थित है। यहां की जिलाधिकारी रही नैंसी सहाय भी फर्जीवाड़े का शिकार हो चुकी है। ठगों ने 3 जून 2022 को व्हाट्सऐप पर फोटों लगाकर लोगों से रुपये और गिफ्ट की मांग की थी। जैसे ही अधिकारी को इसका पता लगा। उन्होंने तुरंत मामले की शिकायत पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने नंबर को ट्रेस किया, लेकिन ठगों का नंबर बंद हो गया।
वहीं दावा किया जा रहा है कि झारखंड के अलग अलग जिलों में तैनात जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं। वह लगातार अधिकारियों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप व टेलीग्राम पर फर्जी अकाउंट बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। इसको लेकर अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। वहीं बता दें कि यह पहली बार नहीं जब साइबर अपराधियों ने इस तरह की वारदात को अंजाम दिया हो। साइबर ठग हरियाणा से लेकर पंजाब और चंडीगढ़ में भी जज से लेकर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के नाम पर ठगी कर चुके हैं।
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