क्राइम
कैसे वाराणसी के एक रिटायर्ड Teacher से साइबर अपराधियों ने 3.5 करोड़ रुपये लूटे? जानिए अपराध का तरीका।
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वाराणसी के एक रिटायर्ड शिक्षक, शम्पा रक्षित से 3.5 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस घटना ने न सिर्फ शम्पा जी के जीवन को प्रभावित किया, बल्कि साइबर सुरक्षा के प्रति आम लोगों की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है।
ठगी की शुरुआत कैसे हुई?
8 मार्च 2024 को शम्पा जी के मोबाइल पर एक अज्ञात कॉल आया। कॉलर ने खुद को टेलिकॉम अथॉरिटी का अधिकारी बताया और कहा कि उनका मोबाइल नंबर दो घंटे में बंद कर दिया जाएगा। कुछ ही समय बाद, एक और कॉल आई जिसमें व्यक्ति ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए गिरफ्तारी की धमकी दी।
ठगों की चालाकी
कॉलर ने शम्पा जी को बताया कि उन्होंने घाटकोपर से एक मोबाइल नंबर लिया है और उसके जरिये अवैध काम किया है। जब शम्पा जी ने कहा कि वह नंबर उनका नहीं है, तो कॉलर ने उन्हें विले पार्ले पुलिस स्टेशन मुंबई में आने को कहा। शम्पा जी के इनकार करने पर उन्हें अपने सीनियर से बात करने के लिए कहा गया और SKYPE एप्प डाउनलोड करने को कहा गया।
डिजिटल दुनिया का खतरा
SKYPE पर शम्पा जी से बात करने के बाद, ठगों ने उन्हें अरेस्ट होने का डर दिख
ाकर बैंक खाते की जानकारी मांगी। शम्पा जी को यह विश्वास दिलाया गया कि अगर वे अपने खाते से पैसे निकाल कर तथाकथित RBI के खाते में डाल दें, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।
वारदात का अंजाम
इस प्रकार शम्पा जी को बातों में उलझाकर उनके साथ कुल 3.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में थाना हाजा पर मु.अ.सं. – 0035/2024 के तहत धारा- 417, 420, 384, भा.द.वि. और 66 डी. आई.टी. एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस की तत्परता
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, वाराणसी पुलिस आयुक्त कमिश्ररेट ने तत्काल कार्रवाई की। उनके आदेशानुसार, पुलिस उपायुक्त (अपराध) ने इस मामले की जांच के लिए तीन टीमें गठित कीं। विस्तृत जांच और सर्विलांस के बाद, पुलिस ने इस साइबर ठगी में शामिल 8 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।
ठगी का मास्टरमाइंड
जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि यह ठगी एक अच्छी तरह से नियोजित योजना के तहत की गई थी। ठगों ने पहले से प्राप्त विभिन्न मोबाइल नंबरों पर फोन करके और खुद को अथॉरिटी या पुलिस अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करके लोगों को डराया और बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करवाए।
साइबर अपराध के खिलाफ जंग
वाराणसी पुलिस की यह कार्रवाई न सिर
्फ एक ठगी के मामले को सुलझाने में सफल रही, बल्कि यह भविष्य में साइबर अपराध के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी भेजती है। इस घटना ने आम लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति अधिक सचेत कर दिया है और साइबर सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है।
सावधानी ही बचाव है
इस घटना के मद्देनजर, यह आवश्यक है कि लोग अपनी साइबर सुरक्षा को गंभीरता से लें। अनजान नंबरों से आने वाले कॉल्स पर विश्वास न करें, अपनी निजी और वित्तीय जानकारी को गोपनीय रखें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
आगे की राह
वाराणसी पुलिस अब इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से अधिक जानकारी जुटा रही है और साइबर ठगी के इस नेटवर्क को पूरी तरह से उजागर करने की कोशिश कर रही है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए और अधिक प्रभावी उपायों को अपनाने की दिशा में यह एक कदम है।
इस प्रकरण से यह सीख मिलती है कि साइबर सुरक्षा सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि हमारे डिजिटल जीवन का एक अनिवार्य अंग है। इसे मजबूत करने और साइबर ठगों से सुरक्षित रहने के लिए सतर्कता और जागरूकता आवश्यक है।