क्राइम
बिहार में 103 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस बनकर करते थे ठगी
बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने साइबर फ्रॉड करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह ने अलग-अलग लोगों से 103 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। चौंकाने वाली बात है कि ये लोग पुलिस पदाधिकारी बनकर लोगों को फोन करके डरा-धमका कर मोटी रकम ऐंठ लेते हैं। मामला पुलिस से जुड़े होने के कारण अधिकांश लोग थाने में शिकायत भी नहीं दर्ज कराते हैं। एक पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जाल बिछाकर इस गिरोह के कई अपराधियों को दबोच लिया।
एसएसपी राकेश कुमार के अनुसार साइबर फ्रॉड के मामलों को देखते हुए साइबर डीएसपी सीमा देवी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। इस टीम ने छापेमारी कर मोतिहारी, दरभंगा और मुजफ्फरपुर से आधा दर्जन साइबर अपराधियों को दबोचा। इन सभी के तार विदेश से जुड़े हुए हैं। गिरफ्तार अपराधियों की पहचान दरभंगा जिले के अंकित कुमार, दीपक कुमार, रौशन कुमार, मोतिहारी जिले के अरशद आलम, अमजद आलम और मुजफ्फरपुर के साहेबगंज निवासी जितेंद्र कुमार के रूप में हुई है।
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पुलिस ने इनके पास से 4 लैपटॉप, विभिन्न बैंकों के 19 पासबुक, 8 चेकबुक, 4 आधार कार्ड, 17 डेबिट कार्ड, 5 पैन कार्ड, 13 ओपनिंग किट, 4 सिम कार्ड और 7 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। इन साइबर अपराधियों की टारगेट ज्यादातर महिलाएं होती हैं। ये लोग उन्हें पुलिस बनकर कॉल करते हैं और डरा-धमका कर उनसे रुपये ठग लेते हैं।
कुछ दिनों पहले भी शहर के सिकंदरपुर के रहने वाले अंडा कारोबारी राकेश कुमार को इन लोगों ने फर्जी पुलिस बनकर कॉल किया था। उनसे कहा था कि आपका बेटा दुष्कर्म के केस में फंस गया है, लेकिन डीएनए रिपोर्ट में वह निर्दोष है। अगर उसको छुड़ाना चाहते हो, तो 80 हजार रुपये भेजो। हालांकि, राकेश संभल गए और पुलिस में शिकायत कर दी।
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