जामताड़ा: कुछ साल पहले तक देशभर में जामताड़ा को सिर्फ Cyber Crime के लिए जाना जाता था। अलग-अलग राज्यों की पुलिस साइबर अपराधियों को ढूंढने के लिए जामताड़ा आती थी। लेकिन अब समय के साथ-साथ युवाओं की मानसिकता में काफी बदलाव आया गया है। अब युवा खेती-किसानी और अपनी मेहनत के दम पर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। इस कार्य में सरकार भी युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए सिंचाई और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।
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सुखाड़ से प्रभावित जामताड़ा में आई हरियाली
इस पर Jamtara के किसान Manik Da और Kartik Da ने बताया कि सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से उनकी पूरी जिंदगी बदल गई। पहले बारिश के मौसम को छोड़कर ज्यादातर समय क्षेत्र में सिर्फ सुखा रहता था। लेकिन जब से MGNREGA Coupe की सुविधा मिली है तब से पेयजल संकट पूरी तरह से दूर हो गया है और खेत को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने लगा। ये दोनों किसान आज अपने खेतों में कद्दू, करैला समेत अन्य कई हरी सब्जियों का उत्पादन कर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भेज रहे हैं।
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खेती-किसानी से पूरे इलाके में हो रही चर्चा
बता दें कि मानिक दा और कार्तिक दा दोनों ही सिर्फ आठवीं पास है। लेकिन उनकी सफलता की चर्चा आज पूरे इलाके में जोरों से हो रही है। इन दोनों से प्रेरित होकर रोजगार की तलाश में भटक रहे कई युवाओं ने अपनी जमीन पर खेती का कार्य करना शुरू कर दिया है। दोनों की कड़ी मेहनत की सराहना आज सारा गांव करता है।
जामताड़ा प्रशासन ने उपलब्ध कराई सहायता
जामताड़ा जिला कृषि पदाधिकारी रंजीत कुमार का इस पर कहना है कि अन्य किसानों को भी इससे सीख लेनी चाहिए। सरकार की तरफ से खेती-किसानी के लिए जरूरत की सभी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों भाईयों ने मनरेगा (MGNREGA) और अन्य सरकारी योजनाओं से मिलने वाली सहायता का पूरी तरह से सदुपयोग किया। इससे उन्हें अच्छी आमदनी मिल रही है। अन्य किसानों को भी इनसे काफी कुछ सीखने को मिल रहा है।
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