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क्राइम

दिल्ली: फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भांडाफोड़, अमेरिकियों को लगाया करोड़ों का चूना

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Fake Call Centres: US Authorities Charges Six Indian Call Centres For Cheating US Citizens In Calling Scam

दिल्ली के जामिया नगर में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस मामले में आठ ठगों को गिरफ्तार किया है, जो कि अंतरराष्ट्रीय कॉल कर लोगों से ठगी करते थे। जानकारी के मुताबिक अब तक ये लोग 700 से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दे चुके थे। दक्षिण पूर्वी जिले की पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 मोबाइल फोन, 6 कीबोर्ड, 7 लैपटॉप, 6 कंप्यूटर, 4 सीपीयू के साथ-साथ मॉडेम और वाईफाई राउटर बरामद किए हैं।

दरअसल 25 मार्च की आधी रात को दक्षिण पूर्वी जिले के साइबर सेल को एक गुप्त सूचना मिली थी कि जामिया नगर के ओखला विहार में एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा ह। इसके बाद साइबर सेल की ओर से एक टीम बनाई गई। दक्षिण पूर्वी जिले की डीसीपी ईशा पांडे ने बताया कि साइबर थाना प्रभारी कुलदीप शेखावत के नेतृत्व में टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मारा जहां उन्हें 6 लोग विदेशी लोगों से फोन पर बात करते हुए पाए गए। जब इन लोगों ने पुलिस को वहां पर देखा तो उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने सभी लोगों को पकड़ लिया। पुलिस ने मामले में ही दो कॉल सेंटर संचालक और 6 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है।

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पूछताछ में इन लोगों की पहचान 25 वर्षीय अर्जुन सिंह बिष्ट निवासी नोएडा, 21 वर्षीय कपिल सिंह नेगी निवासी गाजियाबाद, 21 वर्षीय मोहम्मद ताल्हा निवासी जामिया नगर, 21 वर्षीय अंकित यादव दिल्ली के शंकर विहार का रहने वाला है, और 43 वर्षीय संतोष श्रीवास्तव और 29 वर्षीय वनेंगमाविया जो मुनिरका में रहते थे। इसके अलावा कॉल सेंटर संचालक 38 वर्षीय मोहम्मद नादिर को भी पुलिस ने पकड़ा है जो कि जामिया नगर में ही रहता है। इसके साथ ही दिल्ली के बाटला बिहार में रहने वाले आरिश बेग को उसके आवास से ही पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में हुआ ये खुलासा
साइबर पुलिस की ओर से इस मामले में आईपीसी की धारा जोड़कर मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा उनके सह आरोपियों को पकड़ने के लिए भी पुलिस जांच में जुटी हुई है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने इस बात का खुलासा किया है कि अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए और जल्दी पैसा कमाने के लिए उन्होंने पिछले साल दिसंबर में इस फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर को शुरू किया था।

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कैसे करते थे ठगी
आरोपियों ने इस बात का खुलासा किया है कि वह भोले भाले लोगों को मुख्य रूप से यूएस के नागरिकों को Amazon Inc/Paypal का कर्मचारी बताते थे और तकनीकी सहायता देने के लिए उनसे संपर्क करते थे। इसके लिए वे व्यक्तियों से एक नकली एंटी वायरस डाउनलोड करवाते, जिसके बाद भुगतान के लिए अमेजन, गूगल पे आदि के जरिए उनसे मोटा पैसा वसूल लेते थे।

35 लाख के लेनदेन का पता चला
ये सभी गिफ्ट वाउचर के नाम पर लोगों से ठगी करते थे और उन गिफ्ट वाउचर को रिडीम करने के लिए उनसे जानकारी लेकर ठगी को अंजाम देते थे। अब तक यह आरोपी करोड़ों रुपए की ठगी कर चुके हैं। इसके साथ ही उनके बैंक खातों की जांच से 35 लाख रुपए के लेनदेन का भी पता चला है। पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप, वाईफाई राउटर समेत तमाम ऐसी चीजें बरामद की है जिनसे वह लोगों से कॉल कर ठगी करते थे। पुलिस को आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि जो लोग इस अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर में काम कर रहे थे वह दसवी और बारहवीं तक ही पढ़े थे और जल्दी पैसा कमाने के लिए वे कॉल सेंटर में ठगी का काम कर रहे थे।

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