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Deepfake video के शिकार हुए ये दिग्गज डॉक्टर, जालसाज डीपफेक वीडियो से कर रहे हैं ठगी

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Deepfake video के शिकार हुए ये दिग्गज डॉक्टर, जालसाज डीपफेक वीडियो से कर रहे हैं ठगी

आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी (AI) के बढ़ते इस्तेमाल के चलते इंटरनेट पर कई बड़ी हस्तियों को डीपफेक वीडियो (deepfake videos) का शिकार होना पड़ा है। इसकी शुरुआत रश्मिका मंदाना से हुई थी। लेकिन, अब मेदांता अस्पताल के चेयरमैन नरेश त्रेहन भी डीपफेक (deepfake) का शिकार हो गए हैं। इस लिस्ट में कैटरीना कैफ, आलिया भट्ट, काजोल और प्रियंका चोपड़ा जैसी बड़ी हस्तियों का भी नाम शामिल है।

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डॉक्टर नरेश त्रेहान हुए Deepfake Video के शिकार

मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन (Dr. Naresh Trehan) भी डीपफेक का शिकार हो गए हैं। मेदांता हॉस्पिटल (Medanta Hospital) की तरफ से मोटापे की दवा को लेकर फर्जी वीडियो (fake video) को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है। मेदांता होस्पिटल ने मंगलवार (19 मार्च) को एक शिकायत दर्ज कराई कि एक ‘डीपफेक’ वीडियो सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रहा है, जिसमें उसके चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान एक वजन घटाने वाली मेडिसिन का समर्थन करते दिख रहे हैं।

डीसीपी सिद्धांत जैन ने बताया कि साइबर ईस्ट पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 और 420 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच की जा रही है।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार वीडियो का फेसबुक लिंक, जिसमें डॉ त्रेहान का चेहरा और आवाज है, एफआईआर (FIR) दर्ज होने के बाद इसे निष्क्रिय कर दिया गया।

डीपफेक सामग्री (Deepfake Content)
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इसे डीप लर्निंग नामक एक प्रकार की AI का उपयोग करके डिजिटल रूप से बदल दिया जाता है। इसका इस्तेमाल फर्जी या फिर नकली ऑनलाइन सामग्री बनाने के लिए किया जाता है। ज्यादातर मामलों में देखा गया है इसका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने के लिए किया जाता है।

डीपफेक क्या है?

डीपफेक हेरफेर किया गया मीडिया है, आमतौर पर वीडियो, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीकों का उपयोग करके तैयार किया जाता है। इन तकनीकों का उपयोग किसी व्यक्ति की शक्ल या आवाज़ को दूसरे की शक्ल या आवाज़ से बदलने के लिए किया जाता है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो में व्यक्ति कुछ ऐसा कह रहा है या कर रहा है जो उसने वास्तव में कभी नहीं किया।

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ठगी से बचना है तो यह काम करें

– दोस्त या रिश्तेदार की आवाज बदलकर पैसे भेजने के लिए फोन आए तो सबसे पहले एक बार खुद फोन करके स्पष्ट करें।
– फर्जी कॉल पर विश्वास ना करें।
– अकाउंट का पासवर्ड बदलते रहें।
– साइबर फ्रॉड (cyber fraud) का शिकार होने पर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।

वीडियो सामने आए तो क्या करें

– इस प्रकार की घटना यदि आपके साथ हुई है तो फौरन stopncii.org पर अपनी शिकायत करें।

– इसके बाद साइबर सेल (cyber cell) में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाएं।

– अगर आप उस वीडियो (video) में नहीं हैं तो किसी भी कीमत पर जालसाजों के झांसे में न आएं ।

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