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कंबोडिया के बाद थाइलैंड बना साइबर ठगी का अड्डा, नेपाल के रास्ते भेजे जा रहे सिम

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उत्तर प्रदेश : साइबर ठगों को सिमकार्ड सप्लाई करने वाले गैंग का भंड़ाफोड़, सात गिरफ्तार

कंबोडिया (Cambodia) के बाद अब नेपाल व थाइलैंड साइबर ठगी का अड्ïडा बन गया है। इन देशों में बैठकर भारतीय सिम कार्ड(Indian SIM Card) के माध्यम से देश के नागरिकों के साइबर जालसाजी की जा रही है। इन तीनों देशों में भारतीय सिम कार्ड की डिमांड भी बढ़ी है। Noida STF की तरफ से साइबर फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार किए गए नेपाली नागरिक की गिरफ्तारी के बाद कई अहम खुलासे हुए हैं। STF की टीम अब इस गिरोह से जुडे अन्य जालसाजों का पता लगा रही है।
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नेपाल के रास्ते भेजे जा रहे हैं Activated Sim
मार्च महीने में नोएडा पुलिस ने एक फर्जी Call Centre का खुलासा करते हुए चीन के नागरिक समेत तीन साइबर फ्रॉड को गिरफ्तार किया था। इसमें खुलासा हुआ था कि Cambodia में बैठे साइबर फ्रॉड यह गैंग चला रहे हैं। कंबोडिया में बैठे साइबर ठग भारतीय सिम कार्ड लेकर लोगों से ठगी कर रहे थे। अब इसकी विस्तृत जांच में पता चला कि केवल कंबोडिया ही नहीं बल्कि नेपाल व थाइलैंड से भी इस तरह की साइबर ठगी हो रही है। इन देशों में भारतीय सिम
कार्ड की सप्लाई करने वाले नेपाली नागरिक सुनील खडक़ा को जब STF ने गिरफ्तार किया तब कई जानकारी सामने आई। दरअसल नेपाल व थाइलैंड में भी साइबर ठगों का नेटवर्क है और नेपाल के रास्ते ही इन देशों में भारत के Activated Sim Card वहां पहुंच रहे हैं। ये जालसाज
100 से 150 डॉलर में एक एक्टिवेटेड सिम कार्ड बेचते हैं। ये सिम अलग अलग फर्जी प्रपत्र के आधार पर लिए जाते हैं। एसटीएफ की टीम इस पूरे गिरोह की जांच कर रही है। इस साइबर गिरोह में अभी अन्य जालसाजों के नाम सामने आए हैं जो अलग अलग शहरों के हैं। पुलिस व
एसटीएफ की टीम इनकी गिरफ्तारी में लगी हुई है।

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Dark web से क्रेडिट कार्ड का डाटा करते हैं चोरी
STF की जांच में यह पता चला है कि इस गिरोह के लोग डार्क वेब से क्रेडिट कार्ड का डाटा चोरी करते हैं। इन Credit Card से अपनी बनाई वेबसाइट पर बुकिंग करते थे। इस दौरान क्रेडिट कार्ड धारक के पास OTP भी नहीं आता था। इसके बाद यह रकम क्रेडिट कार्ड से थाइलैंड ट्रांसफ र हो जाता था। जिसे साइबर फ्रॉड गैंग के सदस्य आपस में बांट लेते थे। इसके अलावा यह गैंग चीन के फ्रॉड के साथ मिलकर कई देशों में कॉल सेंटर चलाकर ठगी की वारदात को अंजाम देता है। क्रिप्टो करेंसी व हवाला के माध्यम से रकम का बंटवारा साइबर गिरोह के जालसाजों का अंतरराष्टï्रीय स्तर पर नेटवर्क है। इस नेटवर्क में शामिल लोग अलग अलग देशों में रहते हैं। ऐसे में साइबर फ्रॉड की रकम का बंटवारा क्रिप्टो करेंसी व हवाला के माध्यम से करते हैं। इसके एवज में नेटवर्क में शामिल कुछ लोगों को कमीशन दिया जाता था। आशंका जताई जा रही है कि यह नेटवर्क क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड में भी शामिल हो सकता है। इसकी भी जांच चल रही है।

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