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देश में हो रही WhatsApp की जासूसी, पढ़ें जा रहे हैं आपके मैसेज, जानें कैसे हुआ खुलासा

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देश में हो रही WhatsApp की जासूसी, पढ़ें जा रहे हैं आपके मैसेज, जानें कैसे हुआ खुलासा

देश में करीब मोबाइल यूजर्स संख्या की करोड़ों में है। वहीं इनमें 90 प्रतशित स्मार्टफोन और आईफोन यूजर्स इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हॉट्सएप (WhatsApp) का इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह इस ऐप में आए दिन कंपनी द्वारा नये नये अपडेट जारी करना है।

वहीं यूजर्स व्हॉट्सऐप के और ज्यादा फीचर्स की इच्छा रखते है। जिसके लिए भारत में व्हॉट्सएप का क्लोन GB WhatsApp बहुत ही लोकप्रिय हैं। इतना ही नहीं इसके यूजर्स की संख्या भी करोड़ों में है। इसकी वजह इसमें कलरफुल चैटिंग, वॉलपेपर समेत दूसरे के कई फीचर्स मिलते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल करना उतना ही खतरनाक है। यह दावा हाल ही में साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ESET ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। अगर आप भी GB WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर.

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दरअसल, साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ESET ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट मे व्हॉट्सएप ने दावा किया भारत में लाखों व्हॉट्सएप यूजर्स की जासूसी की जा रही है। यह जासूसी लंबे समय से की जा रही है। वहीं इनमें मुख्य तौर पर GB WhatsApp यूजर्स की जासूसी हो रही है।

हालांकि GB WhatsApp गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद नहीं है। इसे मोबाइल यूजर्स एपीके फाइल के जरिये इंस्टॉल कर रह हैं। वहीं व्हॉट्सऐप कंपनी मेटा ने कहा कि अगर आप भी लगातार लंबे समय से GB WhatsApp का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपका यह व्हॉट्सएप नंबर हमेशा के लिए बैन हो सकता है।

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आपकी बिना जानकारी के हो रही जासूसी

बता दें कि आपकी बिना किसी जानकारी के आपकी जासूसी आराम से की जा रही है। यह चीन के बाद भारत में Mozi के लिए दूसरा सबसे अड्डा है। इसकी वजह मोजी एक IoT बोटनेट है। यह ऐसे वायरस वाले कंप्यूटर का सबसे बड़ा नेटवर्क है। जिसे GB व्हॉट्सएप को रिमोटली कंट्रोल किया जा सकता है। आसानी से कंट्रोल होने के चलते आपकी बिना जानकारी के यह संभव है।

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लोकप्रिय ऐप का क्लोन हुआ हिट, 9.5 प्रतिशत बढ़ा थ्रेट डिटेक्शन

साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ESET की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2022 में भारत में एंड्रॉयड थ्रेट डिटेक्शन 9.5 प्रतिशत तक बढ़ गया है। जो पिछले साल के मुकाबले 109 प्रतिशत ज्यादा है। स्पाईवेयर में तेजी से हुए इस इजाफे की वजह लोकप्रिय ऐप व्हॉट्सएप का क्लोन हिट होना है। हैकर्स का यह ऐप हिट होना उनके लिए बड़ी सफलता है।

इसके लिए वह इन क्लोन ऐप को मूल ऐप से ज्यादा आकर्षक और फीचर्स से भरपूर बनाते हैं। यही बात यूजर्स को प्रभावित करती है। जो इस समय GB WhatsApp के साथ सटीक बैठ रही है। GB WhatsApp में भी भी कुछ इसी तरह है। इसमें कलरफुल चैटिंग के साथ ही चैट डिलीट और रिकवरी के फीचर्स मिलते हैं, लेकिन यह सिक्योर नहीं है। ऐसे में अगर आप भी GB WhatsApp चेट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे तुरंत डिलीट कर दें। और असली व्हॉट्सएप का इस्तेमाल करें।

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